लिपस्टिक लगाने से हो सकती है ये गंभीर बीमारी, जानें क्या है इसका बेहतर विकल्प

लिपस्टिक लगाने से हो सकती है ये गंभीर बीमारी, जानें क्या है इसका बेहतर विकल्प

स्त्रियों को प्रकृति की सबसे खूबसूरत रचनाओं में से एक माना जाता है। और इस खूबसूरती में चार चांद लगाता है उनका श्रृंगार या मेकअप। आमतौर पर महिलाएं मेकअप की शौकीन होती हैं और सभी महिलाओं के पास ब्यूटी प्रोडक्ट्स से भरा हुआ अपना खुद का मेकअप किट अवश्य होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ मेकअप प्रोडक्ट्स ऐसे भी हैं जो महिलाओं की खूबसूरती तो बढ़ाते हैं लेकिन स्वास्थ्य के नजरिए से देखा जाए तो ये काफी हानिकारक सिद्ध हो सकते हैं।

लिप ग्लॉस व लिपस्टिक लगाने से हो सकता है कैंसर 

लिपस्टिक या लिप ग्लॉस लगाने से ना केवल मेकअप पूरा होता है बल्कि इससे चेहरे की खूबसूरती निखरकर दिखायी देती है। माना जाता है कि इसका इस्तेमाल लड़कियों का आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करता है। लेकिन हाल ही में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के बर्कले स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा किए गए शोध में ये बताया गया है कि लिपस्टिक लगाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। उनके मुताबिक, बाजार में मिलने वाले ज्यादातर लिप ग्लॉस और लिपस्टिक्स में ऐसे तत्व मिलाए जाते हैं जो लिपस्टिक को हानिकारक और कैंसर का खतरा बढ़ाने वाला ब्यूटी प्रोडक्ट बना देते हैं।

ये हैं कुछ अन्य साइड इफेक्ट्स

लिपस्टिक में पाए जाने वाले ज्यादातर तत्व और केमिकल्स कैंसर का गम्भीर खतरा पैदा करने वाले होते हैं। होठों की स्किन पर एलर्जिक रिएक्शन्स होने का डर भी लिपस्टिक लगाने से बढ़ सकता है। इसके अलावा जब कोई लिपस्टिक लगाता है तो खाना खाते हुए या पानी पीते हुए ये केमिकल्स पेट में भी पहुंच सकते हैं और  इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। लिपस्टिक लगाने से स्किन पर रैशेज, सूजन और खुजली बढ़ सकती है। इसके अलावा लिपस्टिक के केमिकल्स पेट में पहुंचकर डाइजेस्टिव सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे पेट में दर्द, क्रैम्स और अल्सर जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। वहीं, किडनी और लिवर को भी इन केमिकल्स से नुकसान पहुंच सकता है।

लिपस्टिक में पाए जाते हैं ये तत्व

लिपस्टिक बनाने के लिए ऑयल, मोम, पिगमेंट्स, फ्रैग्रेंस, ग्लोस आदि का उपयोग किया जाता है। लिपस्टिक की लॉन्ग लाइफ के लिए इसमें कई तरह के प्रिजर्वेटिव्स और एल्कोहॉल आदि का भी इस्तेमाल होता है। इसके अलावा भी कंपनी कई और चीजें भी इस्तेमाल करती हैं, लेकिन उनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है।

ऐसे बनाई जाती है लिपस्टिक

लिपस्टिक बनाने की प्रोसेस में सबसे पहले पिगमेंट्स की मिक्सिंग होती है। बता दें कि, पिगमेंट्स एक तरह के कलर होते हैं और इनको मिक्स करके तरह-तरह के कलर और शेड्स बनाए जाते हैं। उसके बाद इन्हें तेल के साथ मिक्स किया जाता है और एक निर्धारित टेम्प्रेचर पर इसकी मॉल्डिंग की प्रक्रिया की जाती है। उसके बाद इसे तेजी से ठंडा किया जाता है और सांचों से निकाल कर इसकी स्टिक्स बनाई जाती हैं। अंत में फिनिशिंग का काम करने के बाद उन्हें पैक करके बाजार में बेचा जाता है।

लिपस्टिक बनाने की प्रोसेस में जानवरों का इस्तेमाल

पुराने समय से ही जानवरों और इंसेक्ट के शरीर के विभिन्न अंगों का इस्तेमाल लिपस्टिक बनाने के लिए होता आ रहा है। हालांकि आज के दौर में भोजन से लेकर कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट्स के वेगन होने पर जोर बढ़ा है। अब कई ब्रांड्स वेगन लिपस्टिक व मेकअप प्रॉडक्ट्स बनाने लगे हैं, लेकिन फिर भी कई प्रॉडक्ट में जानवरों की स्किन से लेकर अन्य अंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

क्या है इसका समाधान

शोध के दौरान लिपस्टिक और लिप ग्लॉस में क्रोमियम, लेड या शीशे के अंश, एल्यूमीनियम और कैडमियम जैसे कई अन्य हानिकारक केमिकल्स भी पाए गए। शोधकर्ताओं का कहना है कि लिपस्टिक लगाने वाली महिलाओं में कैंसर का खतरा इन्हीं केमिकल्स की वजह से बढ़ सकता है। ऐसे में नेचुरल और ऑर्गेनिक तरीके से तैयार लिपस्टिक लगाना सबसे बेहतर और सुरक्षित उपाय हो सकता है।

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