शोध को बेहतर बनाने के लिए शोध सलाहाकार समिति की बैठक आयोजित


शोध को बेहतर बनाने के लिए शोध सलाहाकार समिति की बैठक आयोजित

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में शोध को बेहतर बनाने के लिए शोध सलाहाकार समिति की बैठक आयोजित हुई।बैठक में शोध को बढावा देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

शोध कार्यों को बढावा देने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए

सोबन सिंह जीना विष्वविद्यालय में शोध सलाहाकार समिति (रिसर्च एडवाइजरी कमेटी) की पहली बैठक सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में हुई। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में आयोजित हुई इस बैठक में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में शोध कार्यों को बढावा देने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए। बैठक में विश्वविद्यालय के शोध अध्यादेश को विश्वविद्यालय के एकेडेमिक कौंसिल की बैठक में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ शोध निर्देशक की अर्हता, अंतरविषयी शोध की प्रवृत्ति एवं शोध निर्देशक बनाए जाने, यू0जी0सी0 द्वारा प्रदत्त नेट/जे0आर0एफ0/ एनएफ ओबीसी/ एनएफएससी/ सावित्री बाई ज्योतिबा फुले सिंगल गर्ल्स चाइल्ड छात्रवृति/ सीएसआईआर की शोध अध्येता छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रोग्रेस रिपोर्ट एवं प्रस्तुतिकरण को निदेशालय में प्रस्तुत करने, शोध छात्रों की उपस्थिति का विभागवार विवरण रखने के साथ शोधार्थी की शोध प्रगति (त्रैमासिक प्रगति) को आवश्यक रूप से प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। विभिन्न विषयों में शोधकार्य कर रहे शोधार्थी के शोध कार्य को लेकर त्रैमासिक सेमिनार आयोजित होगा जिसमें प्रत्येक शोधार्थी अपने शोध संबंधी आख्या प्रस्तुत करेंगे। शोध से संबंधित शुल्क के निर्धारण के लिए शोध प्रसार निदेशालय वित्त कमेटी में प्रस्ताव रखा जाएगा। प्री0पीएच0डी0 कोर्सवर्क की परीक्षा हेतु प्रत्येक प्रश्नपत्र में शोधार्थियों की उपस्थिति पृथक-पृथक 75 फीसदी अनिवार्य होने होगा जिसके लिए कोर्स कॉडिनेटर को जिम्मेदारी होगी।  शोध कार्य  हेतु 62 वर्ष की आयु पार कर चुके प्राध्यापकों को शोधार्थी आवंटित न करने संबंधी निर्णय लिया गया है जो यू0जी0सी के नियमानुसार है।

शोधार्थियों को पुरस्कृत करने का निर्णय

उत्कृष्ट शोध करने वाले प्राध्यापक एवं शोधार्थियों को पुरस्कृत करने का भी निर्णय लिया गया है। शोध निदेशालय से संबंधित पृथक खाता बनाया जाएगा जिससे शोध कार्यों के निष्पादन में आसानी हो सके। शोधार्थी अपने शोध प्रबंध जमा करने के साथ दो शोध पत्र issn नंबर के जर्नल में, दो आईएसबीएन पुस्तक में प्रकाशित करेगा, जिससे कि शोधार्थियों को शोध क्षेत्र में बेहतर कर सकें। सभी शोध निर्देशक अपने शोधार्थियों को इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे। विश्वविद्यालय शोधकार्यों को बढावा देने के लिए जिन संस्थानों के साथ एमओयू कर रहे हैं, उनमें सह शोध निर्देशक बनाए जाने को लेकर भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

यू0जी0सी0 ने प्रत्येक विश्वविद्यालय में शोध सलाहाकार समिति को आवश्यक बना

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि यू0जी0सी0 ने प्रत्येक विश्वविद्यालय में शोध सलाहाकार समिति को आवश्यक बना दिया गया है। इसी को देखते हुए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने शोध सलाहाकार समिति बनाकर एक बैठक आज की गई है। इस बैठक में बाह्य विशेषज्ञों के साथ विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के साथ गंभीर चर्चा हुई है। कुलपति प्रो0 बिष्ट ने कहा कि बैठक में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शोध को लेकर विभिन्न निर्णय लिए गए हैं जो सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को शोध क्षेत्र में बेहतर करने की दिशा में महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने आगे बताया कि सभी शोधार्थी गूगल स्कॉलर, एकेडमिया, रिसर्च गेट आदि में पंजीकरण कराएंगे जिससे शोधार्थी के कार्यों को पहचान मिलेगी।
बैठक से पूर्व शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो0 जगत सिंह बिष्ट ने बैठक के एजेंडे को प्रस्तुत किया और बैठक की कार्यवाही को संचालित किया।

बैठक में उपस्थित जन

इस बैठक में शोध निदेशालय के निदेशक प्रो0 जगत सिंह बिष्ट एवं शोध सलाहाकार समिति के सदस्य रूप में प्रो0 जे0एस0रावत, प्रो0 एस0 के0 जोशी (संकायाध्यक्ष विज्ञान), प्रो0 एम0एम0 जिन्नाह, प्रो0 मधुलता नयाल, प्रो0 जे0एस0बिष्ट, डॉ0 संगीता पवार तथा बाह्य विशेषज्ञ रूप में प्रो0 एल0 एस0 लोधियाल, प्रो0 एच0 सी0 एस0 बिष्ट ने सुझाव प्रस्तुत किए। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ0 देवेंद्र सिंह बिष्ट, शोध सहयोगी डॉ0 ललित चंद्र जोशी, विपिन जोशी  उपस्थित रहे।

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