मुख्य विकास अधिकारी ने की जल संरक्षण, नदियों और नौलों के पुनर्जागरण और संरक्षण के संबंध में समीक्षा

मुख्य विकास अधिकारी ने की जल संरक्षण, नदियों और नौलों के पुनर्जागरण और संरक्षण के संबंध में समीक्षा

मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे द्वारा आज विकास भवन के सभागार में जल संरक्षण, नदियों और नौलों के पुनर्जागरण और संरक्षण के साथ सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा की।

जल संरक्षण मुख्य उद्देश्य

समीक्षा का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के लिए विभिन्न कार्रवाईयों का मूल्यांकन करना था। इसमें जल संचयन, नदी और नौलों के अवलोकन और उनकी संरक्षण उपायों पर ध्यान दिया गया।समीक्षा में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दिया गया:जल संचयन: जल संचयन के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जैसे कि रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, तालाब निर्माण, और छतों पर जल टैंक।नदियों और नौलों का पुनर्जागरण: नदियों और नौलों के पुनर्जागरण के लिए प्रोत्साहन और योजनाओं की जांच की गई। इसमें बांधों के निर्माण, नदी किनारे के प्रदूषण के नियंत्रण, और जल संचारित क्षेत्रों की संरक्षण समेत हैं।विभागीय कार्यों की समीक्षा में सभी विभागों के कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य समयबद्धता, कार्य की गुणवत्ता, और प्रभावकारिता को बढ़ावा देना है।

समयबद्धता की जांच

समयबद्धता के मापदंडों का स्वीकृति किया गया है और विभिन्न कार्यों की समयबद्धता का निरीक्षण किया जाएगा।कार्य की गुणवत्ता: कार्य की गुणवत्ता को मापने के लिए गुणवत्ता मानकों का स्वीकृति किया जाएगा और कार्य की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के उपायों का निरीक्षण किया जाएगा।प्रभावकारिता की मापन: कार्य के प्रभावकारिता को मापने के लिए पैरामीटर्स तय किए जाएंगे और कार्य के प्रभावकारिता को बढ़ावा देने के लिए नए उपायों का प्रस्ताव किया जाएगा।इस समीक्षा के आधार पर, सभी विभागों को कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, कार्य की गुणवत्ता और प्रभावकारिता को भी महत्वपूर्ण माना गया है, ताकि कार्य का सफल परिणाम प्राप्त किया जा सके।

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