मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में आज भी गतिरोध जारी रहा। लोकसभा को शाम 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिये स्थगित कर दी गई।
मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करने लगे
लोकसभा की बैठक सुबह पहले स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे जब दोबारा शुरू हुई तो मुख्य रूप से कांग्रेस, डीएमके, जनता दल यू और तृणमूल के सदस्य फिर से नारे लगाते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। वे सदन में मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करने लगे।हंगामे के बीच सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद जैव विविधता (संशोधन) विधेयक 2022 पारित कर दिया। विपक्षी सदस्यों के शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही शाम 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
आज मणिपुर जल रहा है
कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा आज मणिपुर जल रहा है, वहां दुष्कर्म हो रहे हैं। हम मणिपुर की बात कर रहे हैं, लेकिन यहां प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया कंपनी की बात कर रहे हैं। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, इतने सारे प्रतिनिधि संसद में चार दिन से 267 के तहत नोटिस दे रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं है। इस सदन में बीजेपी सरकार के दौरान ही 267 के तहत चर्चा हो चुकी है। कांग्रेस सरकार में भी 267 के तहत चर्चा हो चुकी है। लेकिन आज मणिपुर जल रहा है। वहां रेप हो रहे हैं।आज हम मणिपुर की बात कर रहे हैं। पीएम ईस्ट इंडिया की बात कर रहे हैं। इंडिया मीन्स ईस्ट इंडिया बोल रहे हैं।
मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए
राज्यसभा की बैठक जब दोपहर 2 बजे दूसरे स्थगन के बाद फिर शुरू हुई, तो शोर-शराबे के बीच संविधान -अनुसूचित जनजाति आदेश- पांचवां संशोधन विधेयक, 2022 पर चर्चा शुरू की गई। विधेयक के जरिए छत्तीसगढ़ के संबंध में संविधान के -अनुसूचित जनजाति आदेश, 1950 में संशोधन का प्रस्ताव है। चर्चा के बीच विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वे विधेयक का समर्थन करते हैं लेकिन मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। बाद में कांग्रेस, तृणमूल, डीएमके, वाम दल, आम आदमी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य विपक्षी दलों ने पूरे दिन के लिए सदन से वाकआउट कर दिया बाद में सदन की कार्यवाही कल तक के लिये स्थगित कर दी गई।