व्लॉग हो गया…. व्लॉगिंग के बढ़ते क्रेज़ पर डॉ. ललित योगी की कविता

व्लॉग हो गया


ललित योगी

जाने ये कैसा अचरज अब व्लॉग हो गया,
चेली-ब्वारियों का सब कुछ यही हो गया।
जिंदगी परत-दर-परत इसपे खुल रही,
ये हैं ऐसे कि इनको व्यूज में मजा आ रहा। जाने ये..
जो उठी हो वक़्त पर सही से न कभी,
इस बहाने से इनका उठना हो गया।।
घंटों रहते हैं वर्चुअल दुनिया में ये डूबे,
दिन-दुपहर, सबकुछ इनका यही हो गया। जाने ये..
छोटी बात बनती है बिग ब्रेकिंग और सनसनी,
हकीकत की घटना का तो लापता हो गया।।
ऊपर से आफत बनी है ये बेमौसमी आपदा,
एक यहां है जो रील्स का रेला आ गया।। जाने ये…
जाने ये कैसा अचरज अब व्लॉग हो गया है…..

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