चालक और परिचालकों की कमी से लोग निजी वाहनों पर हो रहें निर्भर
उत्तराखंड परिवहन निगम का अल्मोड़ा डिपो इन दिनों चालक और परिचालकों की कमी का सामना कर रहा है। इसका असर बस सेवाओं पर पड़ रहा है जिससे यात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं। एक दशक में सात से अधिक रूटों पर बस सेवा बंद हो गई है।
कई रूटों पर बसों का संचालन हो रहा बाधित
यहां रोजाना कई रूटों पर बसों का संचालन बाधित हो रहा है। निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। यात्रियों को निजी टैक्सियों और वाहनों से महंगा किराया देकर सफर करना पड़ रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए अल्मोड़ा डिपो को कुल 34 बसें आवंटित की गई हैं। चालकों की कमी के कारण इनमें से केवल 12 बसों का ही नियमित संचालन हो पा रहा है। लोगों का कहना है कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व की तरह बस सेवा चले तो राहत मिलती। वर्तमान में डिपो में 51 चालकों और परिचालकों की तैनाती है जबकि 10-10 पद रिक्त पड़े हैं।
लोग निजी वाहनों पर निर्भर
ग्रामीण रूटों पर सालों से बसों का संचालन पूरी तरह बंद पड़ा है। इनमें अल्मोड़ा-झूलाघाट, अल्मोड़ा-धारचूला, अल्मोड़ा-भनोली, अल्मोड़ा-खेती, अल्मोड़ा-ध्याड़ी, अल्मोड़ा-चलछीना, अल्मोड़ा-शीतलाखेत और अल्मोड़ा-नैनीताल जैसे रूट शामिल हैं। इन रूटों पर अब लोग निजी वाहनों पर निर्भर हो गए हैं।
