अल्मोड़ा: लोक पर्व हरेला के अंतर्गत एसएसजे परिसर से निकाली गई विशाल जनजागरूकता रैली, छायादार एवं फलदार प्रजाति के अनेक वृक्षों का किया गया रोपण

कुमाऊं के लोक पर्व हरेला उत्सव के अंतर्गत मनाई जा रही कार्यक्रम श्रृंखला के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना की सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा इकाई के तत्वावधान में कार्यक्रम अधिकारियों डॉ० डी एस धामी, इंजिनियर रवीन्द्र नाथ पाठक तथा डॉ० प्रेमा खाती के नेतृत्व में परिसर के मुख्य प्रांगण से लोअर मॉल रोड तक एक विशाल जनजागरूकता रैली का आयोजन किया गया।

पौध रोपण करने के बाद उनके संरक्षण की ली गई शपथ

जिसमें स्वयंसेवियों द्वारा हस्तनिर्मित पोस्टरों तथा स्लोगनों के माध्यम से पर्यावरण के संरक्षण, पॉलीथीन उन्मूलन, वृक्षारोपण, सफाई एवम स्वच्छता का सामाजिक संदेश दिया। रैली के उपरांत सिमकनी मैदान के जलस्रोतों के आसपास की सफाई, परिसर में उग रही भांग के उन्मूलन तथा वृक्षारोपण का संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के दोनों छात्रावासों के निकट के क्षेत्र, गणित विभाग के आसपास के क्षेत्र तथा कंप्यूटर विज्ञान विभाग के आसपास के क्षेत्रों में सफाई के साथ-साथ छायादार एवं फलदार प्रजाति के अनेक वृक्षों बाँज, उतीस, देवदार, तिमूर, आंवला, संतरा, नींबू, आडू आदि का रोपण किया गया तथा उनके संरक्षण की शपथ ली गई।

सामाजिक जागरण एवं जनचेतना फैलाने का संदेश दिया गया

कार्यक्रम के आरंभ में राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ० डी एस धामी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की, उसके पश्चात सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के माननीय कुलपति प्रोफेसर जगत सिंह बिष्ट द्वारा स्वयंसेवियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक होने तथा सामाजिक जागरण एवं जनचेतना फैलाने का संदेश दिया गया, कुलसचिव प्रोफेसर ईला बिष्ट ने पारिस्थितिकी तंत्र के अत्यावश्यक घटक के रूप में पौधों के योगदान यर चर्चा की।परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर जीसी शाह द्वारा विभिन्न वनस्पतियों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया। सोबन सिंह जी जीना परिसर अल्मोड़ा के निदेशक प्रोफेसर प्रवीण सिंह बिष्ट द्वारा लोकजीवन में विभिन्न वनस्पतियों के संरक्षण के परम्परागत तरीकों पर प्रकाश डाला।

समस्त स्वयंसेवियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर इला साह द्वारा नशे के उन्मूलन हेतु भांग के विनष्टीकरण पर स्वयंसेवियों की सराहना की गई। कुलानुशासक डॉ० मुकेश सामंत ने वनस्पतियों के औषधीय महत्व पर सविस्तार चर्चा की। संभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा ध्रुव सिंह मर्तोलिया ने समस्त स्वयंसेवियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई, कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम अधिकारी इंजीनियर रवींद्र नाथ पाठक ने मनुष्य तथा वनस्पतियों के वैदिक तथा लौकिक सम्बन्धों पर प्रकाश डाला। उत्तराखंड जलवायु परिवर्तन केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ० नन्दन सिंह बिष्ट ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन तथा दुनिया में हो रही हरित ऊर्जा के प्रति रुझान से अवगत कराया।

कार्यक्रम में मौजूद रहे

कार्यक्रम में कौशल विकास केंद्र के निदेशक डॉ० डी एस बिष्ट, डीन ग्रीन ऑडिट डॉक्टर बलवंत कुमार,विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ०ललित चन्द्र जोशी, डॉ ० पारुल सक्सेना, डॉ० तेजपाल, डॉ० जी एस पांडेय,डॉ० विजेता सत्याल, डॉ० आरती परिहार, कार्यक्रम सहायक  नन्दन सिंह जड़ौत, जितेंद्र कुमार, भूपाल भट्ट, शैलजा छात्रावास की मेट्रन  जानकी, छात्रसंघ अध्यक्ष पंकज कार्की, छात्र नेता नीरज बिष्ट, हर्षित दुर्गापाल लोकेश सुप्याल, स्वयंसेवी शालिनी तिवारी, गीता तिवारी, नवनीत धर्मसक्तु, नवीन दानू, साक्षी मेहता, सुरेंद्र धामी, पारस बिष्ट, मोहित तिवारी, योगेश पन्त, रवीना, मनीषा ठाकुर, रिया बोरा सहित सैकड़ों स्वयंसेवी उपस्थित रहे।

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