सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे द्वारा उठाई गई आवाज का असर, चारधाम यात्रा के लिए डॉक्टरों की तैनाती का बड़ा फैसला

सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे द्वारा उठाई गई आवाज का असर, चारधाम यात्रा के लिए डॉक्टरों की तैनाती का बड़ा फैसला

चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की चिकित्सा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे द्वारा उठाई गई आवाज़ आखिरकार असर दिखाने लगी है। कल ही उन्होंने यह महत्वपूर्ण मुद्दा उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव और मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव के समक्ष रखा था, जिसमें उन्होंने यात्रा मार्ग पर पर्याप्त चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की थी।

तेजी से हुआ असर

संजय पाण्डे की पहल के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र जारी कर अनुरोध किया है कि वे अपने राज्यों से चिकित्सकों को चारधाम यात्रा मार्ग के अस्पतालों में सेवा देने के लिए प्रेरित करें। इस योजना के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों से कम से कम 15 दिनों तक सेवा देने की अपेक्षा की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को समय पर और बेहतर इलाज मिल सके।

यात्रियों की जान बचाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम

हर साल हजारों श्रद्धालु चारधाम यात्रा के दौरान ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी, हृदय संबंधी दिक्कतें और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हैं। कई बार समय पर इलाज न मिलने से दुर्घटनाएं भी होती हैं। संजय पाण्डे ने इस गंभीर समस्या को मुख्यमंत्री कार्यालय और स्वास्थ्य विभाग के समक्ष प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया, जिसके चलते यह अहम फैसला लिया गया।

संजय पाण्डे की अपील – निगरानी भी जरूरी

संजय पाण्डे ने सरकार से अनुरोध किया है कि सिर्फ डॉक्टरों की तैनाती ही नहीं, बल्कि उनकी उपस्थिति और कार्यप्रणाली की भी नियमित निगरानी की जाए ताकि कोई भी तीर्थयात्री चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे। उन्होंने प्रशासन से आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की तैनाती और 24×7 स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू बनाए रखने की भी मांग की है।

जनता और श्रद्धालुओं ने किया स्वागत

संजय पाण्डे की इस पहल को न केवल स्थानीय लोगों बल्कि यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं ने भी बड़े बदलाव की शुरुआत बताया है। उनका कहना है कि यदि यह व्यवस्था सही से लागू होती है तो चारधाम यात्रा और अधिक सुरक्षित और सुगम हो जाएगी।

यह निर्णय न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि संजय पाण्डे जैसे समाजसेवियों के प्रयासों का सकारात्मक परिणाम भी है, जो लगातार जनहित के मुद्दों को उठाकर प्रशासन को कार्यवाही के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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