Unemployment crisis: भारत में 100 में 83 युवा बेरोजगार

83 out of 100 in India are not employed

भारत में युवाओं की बेरोजगारी का स्तर चिंताजनक हो गया है, जैसा कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की ताज़ा रिपोर्ट ने खुलासा किया है। चुनावी माहौल के बीच फिर से बेरोजगारी का मुद्दा उठा है और इसके पीछे की वजहों को समझने की मांग की जा रही है।
चुनावी महौल में फिर उठा बेरोजगारी का मुद्दा, क्या हैं ILO की रिपोर्ट के खुलासे?
ILO ने मानव विकास संस्थान (IHD) के सहयोग से ‘भारत रोजगार रिपोर्ट 2024’ को प्रकाशित किया है, जिसमें यह खुलासा किया गया है कि भारत में अगर 100 लोग बेरोजगार हैं, तो उनमें से 83 युवा होते हैं। इस रिपोर्ट में उच्च शिक्षित युवाओं के बेरोजगार होने की भी बात की गई है।

ILO और IHD की सहयोग से प्रकाशित ‘भारत रोजगार रिपोर्ट 2024’, जानिए रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय युवाओं की बेरोजगारी की स्थिति
इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बेरोजगारी की स्थिति चिंताजनक है, खासकर युवाओं के बीच। यह रिपोर्ट साफ करती है कि बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने के लिए नीतियों में संशोधन की आवश्यकता है, जो युवाओं को रोजगार के अवसरों के निर्माण में मदद करेगी।

क्या सच हुई रघुराम राजन की बात?
भारत में आर्थिक वृद्धि के प्रचार पर विश्वास नहीं करने की सलाह देने वाले पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के बयान के पहले ही दिन, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट ने ऐसा ही दर्शाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में माध्यमिक स्तर के छात्रों का स्कूल छोड़ने का लेवल अभी भी उच्च है, खासकर गरीब राज्यों और समाज के हाशिए पर रहने वालों में। यहाँ तक कि उच्च शिक्षा के लिए भी आवेदनों में वृद्धि हो रही है, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता चिंताजनक है। रिपोर्ट में उचित न्यूनतम वेतन के मामले में भी चिंता जताई गई है, जो 2019 के बाद से नियमित और स्व-रोजगार वालों की आय में कमी का प्रमुख कारण है। इसके साथ ही, अकुशल श्रम बल में आकस्मिक श्रमिकों को उचित न्यूनतम वेतन नहीं मिला है। रिपोर्ट ने बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, झारखंड, और छत्तीसगढ़ को रोजगार की स्थिति में दयनीय बताया है।

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