भारत एक आध्यात्मिक देश है और हिंदु दर्शन हमारी पहचान- प्रो0 एस0एस हामिद
स्वामी विवेकानन्द -महात्मा गांधी आध्यात्मिक पर्यटन परिपथ, अध्ययन केंद्र द्वारा ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में तकनीकी सत्रों का संचालन होने के उपरांत समापन हुआ।
तकनीकी सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ0 सुधीर कुमार यादव, आम्रपाली विश्वविद्यालय, हल्द्वानी की शोध छात्रा भावना पलड़िया, राजकीय प्राथमिक विद्यालय भैसोड़ा की अध्यापिका डॉ0 गीता टम्टा, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान,उधमसिंह नगर के डॉ0 अनिल कुमार सिंह, यू0ओ0यू0 डॉ0 राजेन्द्र सिंह क्वीरा, डायट की शिक्षिका डॉ0 दीपा जलाल, डॉ0 प्रकाश लखेड़ा आदि सहित ऑनलाइन/ऑफलाइन 27 शोध पत्रों का वाचन हुआ। तकनीकी सत्र में अध्यक्षता उ0मु0विवि0 के डॉ0 राजेन्द्र क्वीरा थे। सत्र की सह अध्यक्षता डॉ0 प्रकाश लखेड़ा तथा सत्र में रिपोर्टियर डॉ0 रवींद्रनाथ पाठक रहे।
स्वामी विवेकानन्द के जीवन एवं उनके विचार दर्शन को साझा किया
समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में रामकृष्ण मिशन आश्रम कानपुर के सचिव स्वामी आत्मश्रृद्धानन्द जी महाराज ने जीवन का उत्कृष्ट बनाने, सत्य का अनुसरण करने, जीवन को सकारात्मक बनाने आदि के साथ स्वामी विवेकानन्द के जीवन एवं उनके विचार दर्शन को साझा किया। समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा के ब्रह्मचारी अर्पण महाराज, ब्रह्मचारी आर्यन महाराज ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षा तथा शिक्षार्थियों हेतु स्वामी विवेकानंद के विचारों को जानना समझना और उनका अनुसरण करना जरूरी है।
स्वामी विवेकानन्द का जीवन दर्शन न केवल भारत के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए महत्वपूर्ण
डॉ0 राजेंद्र क्वीरा ने सत्रों की जानकारी दी। समापन सत्र के अध्यक्षता करते हुए प्रो0 एस0एस हामिद ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानन्द का जीवन दर्शन न केवल भारत के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। भारत एक आध्यात्मिक देश है और हिंदु दर्शन हमारी पहचान है और स्वामी विवेकानन्द इस दर्शन के ध्वज वाहक है। उन्होंने आगे कहा कि यह दो दिन की अंतरराष्ट्रीय सेमिनार महत्वपूर्ण साबित होगी।
समापन सत्र में सेमिनार से जुड़े सभी सहयोगियों को पुरस्कृत किया गया
समापन सत्र में सेमिनार से जुड़े सभी सहयोगियों को पुरस्कृत किया गया। सेमिनार के संयोजक डॉ0 चंद्रप्रकाश फुलोरिया ने बताया कि तकनीकी सत्र के उपरांत समापन सत्र का आयोजन किया गया जिसमें स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन दर्शन और शिक्षा, शिक्षण संस्थान और शिक्षार्थी को लेकर विस्तार से मंथन हुआ है जो हमारे विश्वविद्यालय के केंद्र की उपलब्धि भी है। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर आगे प्रस्तुत की जाएगी।
इस अवसर पर उपस्थित जन
इस अवसर पर उनके साथ डॉ0 लक्ष्मी वर्मा, डॉ0 प्रेमप्रकाश पांडे, विनोद नेगी, हसन, मीनाक्षी, नवल जोशी, रोशनी, नेहा, सुंदर, दिव्या, हिमांशु पांडे ने सहयोग दिया। इस अवसर पर कई शोधार्थी, प्रतिभागी उपस्थित रहे।