भारत में जून का महीना 1901 के बाद से सबसे गर्म रहा, विश्व स्तर पर तीन जुलाई  सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया

मौसम विभाग ने बताया है कि देश में पिछले महीने, 1971 से 2020 की दीर्घावधि औसत से, दस प्रतिशत कम वर्षा दर्ज हुई। जून माह में 148 दशमलव छह मिलीमीटर हुई जबकि दीर्घावधि औसत 165 दशमलव तीन मिलीमीटर वर्षा की थी।

भारत में जून का महीना 1901 के बाद से सबसे गर्म रहा

मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में जून का महीना 1901 के बाद से सबसे गर्म रहा। इस दौरान अधिकतम औसत तापमान 34 दशमलव शून्‍य पांच डिग्री सेल्सियस रहा। इस क्षेत्र में बारिश भी 1901 के बाद से सबसे कम हुई है। मौसम विभाग ने अपनी मासिक जलवायु समीक्षा में कहा है कि अधिकतम तापमान कई क्षेत्रों में सामान्‍य से चार दशमलव चार डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज हुआ। इनमें पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और उत्‍तर-पश्चिम और मध्‍य भारत के हिस्‍से शामिल हैं। देश के पूर्वी हिस्‍सों में स्थिति सबसे खराब रही जहां जून का तापमान सामान्‍य से बहुत अधिक दर्ज हुआ। 

तीन जुलाई विश्व स्तर पर सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया

वहीं तीन जुलाई विश्व स्तर पर सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। यू.एस. नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्रेडिक्शन के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को औसत वैश्विक तापमान 17 दशमलव शून्य-एक डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। गर्मी का यह नया रिकॉर्ड है। वर्ष 2016 में अगस्त में विश्व स्तर पर सबसे अधिक 16 दशमलव नौ-दो डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। इसका कारण अल नीनो का असर बताया जा रहा है।

चीन के कुछ हिस्सों में 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के साथ भीषण गर्मी जारी

अमरीका इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहा है। चीन के कुछ हिस्सों में 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के साथ भीषण गर्मी जारी है। उत्तरी अफ्रीका में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग चिलचिलाती गर्मी से पीड़ित हुए। अंटार्कटिका में इस समय सर्दी का मौसम है। इसके बाद भी वहां असामान्य रूप से उच्च तापमान दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों ने अल नीनो के कारण जलवायु संकट पर चिंता व्यक्त की है।

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