खट्टे मीठे व स्वादिष्ट पोषक तत्वों का भंडार हिसालू इन बीमारियों के लिए है फायदेमंद
उत्तराखंड के जंगलों और गंधरों, झाड़ियों के बीच में पैदा होने वाला हिसालू मई व जून में तैयार हो जाता है। हिसालू उतराखड व हिमाचल प्रदेश के ठंडे वाले गंधरों में झाड़ियों के बीच में पैदा होता है।
इन स्थानों में भी होता है हिसालु
हिसालू उतराखड व हिमाचल प्रदेश के साथ साथ अन्य हिमालयी पहाड़ों में कश्मीर,मेघालय, सिक्किम, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम व अंडमान निकोबार द्वीप व बिस्व के पाकिस्तान,भूटान , नेपाल,रुस, पोलैंड, वियतनाम, मैक्सिको, आदि देशों के ठंडे जलवायु के हिमालयी पहाड़ों में पैदा होता है। हिसालू क्षुप व कांटेदार एक मीटर से तीन की उंचाई वाला पेड़ होता है। हिसालू फल अलग अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है।हिसालू,हिसोल,ऐंसेलू,हिसोला,हिसुल, हिसुआ,हेसूल आदि नाम।
हिसालू खट्टे मीठे व स्वादिष्ट पोषक तत्वों का भंडार
हिसालू के सफेद फूल व नारंगी फल जैसा होता है।ये मई व जून में पककर खाने योग्य हो जाता है। हिसालू खट्टे मीठे व स्वादिष्ट पोषक तत्वों का भंडार वाला जंगली फल है।जब नारंगी कलर में हिसालू तैयार हो जाता है पेड़ से तोड़ते है तो यह इतना कोमल होता तोड़ते समय हाथ से गिर जाता है।हिसालू का सेवन करते समय जीभ में रखते हुए पिघलने लगता है। आइये हिसालू फल के बारे में आगे बताते चलें ।
इन पोषक तत्वों से है भरपूर हिसालू
हिसालू फल में पाये जाने वाले पोषक तत्व कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम,आयरन, जिंक, पोटेशियम, सोडियम,बीटामीन सी,32 प्रतिशत,फाइबर 26 प्रतिशत,मैगनीज 32 प्रतिशत पाया जाता है
किडनी के मरीजों के लिए हिसालू फल फायेदमंद
अल्मोड़ा रीठागाड़ क्षेत्र से प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता बताते हैं कि हिसालू फल अनेक बिमारियों के लिए फायदेमंद होता है। एंटी ऑक्सीडेंट व विटामीन सी अन्य पोषक तत्व के भंडार के वजह से कई बीमारियों के रोकथाम के लिए हिसालू फल काम आता है।बुखार,पेट दर्द,खासी व गले में दर्द, किडनी के मरीजों के लिए हिसालू फल फायेदमंद है,इम्यूनिटी बढ़ाने के काम,व शरीर के सूजन को कम करने के लिए हिसालू फल लाभकारी होता है।