सुनो जी लखन तुम आए यहां सिया प्यारी को तुम छोड़े कहां अकेले-अकेले वह मर जाएगी
चतुर्थ दिवस का शुभारंभ मां दुर्गा की आरती के साथ
सेक्टर सी महानगर स्थित रामलीला मैदान में श्री रामलीला समिति महानगर द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव में आज चतुर्थ दिवस का शुभारंभ मां दुर्गा की आरती के साथ हुआ। सूर्पनखा की नाक काटने के उपरांत वह अपने भाई लंकेश के पास जाती है तब लंकेश उससे कहता है कि खर दूषण के पास क्यों नहीं गई तो वह कहती है भैया अवध के राजकुमारों ने उनका वध कर दिया है। सब लंकेश अपने मामा मरीज के पास जाकर कहता है कि तुम कपट मृग बनकर पंचवटी में जाओ और उस मायावी कपट मृग का पीछा करते हुए श्री रामचंद्र जी जंगल में जाते हैं और वहां उसका आखेट करते हैं और वह मायावी कपट मृग तीर लगते ही हाय लक्ष्मण हाय लक्ष्मण चिल्लाता है तो सीता जी उसे आवाज को सुनकर लक्ष्मण से कहती हैं कि तुम्हारे भैया किसी संकट में है जाकर उनकी रक्षा करो और माता सीता के आदेश का पालन करते हुए लक्ष्मण जी जंगल में जाते हैं जहां उनको देखकर श्री रामचंद्र जी को अंजनी आसंका का अहसास होता है। वह लक्ष्मण से कहते हैं कि इस बियाबान जंगल में तुम जानकी जी को अकेला छोड़कर क्यों चले आए हो और दोनों भाई जब कुटी में पहुंचते हैं तो जानकी जी को न देखकर परेशान हो जाते हैं और विलाप करने लगते हैं उनको ढूंढते ढूंढते वह शबरी जी के आश्रम में जाते हैं तब वह उन्हें किष्किंधा पर्वत पर सुग्रीव जी की सहायता लेने की सलाह देती हैं। किष्किंधा पर्वत पर जाते समय जब सुग्रीव के गुप्तचर दो अनजान राजकुमारों को जंगल में देखते हैं तो उन्हें भय होता है की कहानी उनके भाई बाली ने कोई गुप्तचर तो नहीं भेजे हैं तो वह हनुमान जी को आदेश देते हैं की जाकर देखिए वह कौन है और हनुमान जी ब्राह्मण का भेस बनाकर उनके पास जाते हैं और जब उन्हें पता चलता है कि वह उनके प्रभु श्री राम है तो वह उनके चरणों में गिर जाते हैं और फिर उन्हें सुग्रीव जी के पास मैत्री के लिए ले जाते हैं।
इस प्रकार आज की लीला राम विलाप, शबरी प्रसंग, राम सुग्रीव मैत्री, बाली सुग्रीव युद्ध, अशोक वाटिका प्रसंग, और लंका दहन के प्रसंग दिखाए गए। हनुमान का सुंदर अभिनय रामलीला के निर्देश महेंद्र पंत द्वारा किया गया और रावण का अभिनय भास्कर जोशी पर,शबरी का अभिनय वायोवृद्ध कलाकार हेमा जोशी एवं बाली का अभिनय जर्मनी में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशीष सक्सेना द्वारा किया गया। रामलीला मंचन में संगीतकार नीरज पन्त, मृदु नंदन सनवाल, दिवाकर राव, ललित भट्ट एवं किशोर श्रीवास्तव रहे, तथा मंच व्यवस्था एवं वस्त्र विन्यास में हरिश्चंद्र लोहुमी, देवेंद्र मिश्रा, हिमांशु मिश्रा और नंदा बल्लभ जोशी का विशेष सहयोग रहा। आज रामलीला मंचन देखने आम दर्शकों के साथ-साथ पर्वतीय महापरिषद के समस्त पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी उपस्थित थीं। पर्वतीय महाप्रसाद के मुख्य संयोजक टी एस मनराल, संयोजक के एन चंदोला, अध्यक्ष गणेश जोशी महासचिव महेंद्र रावत संरक्षक एन के उपाध्याय वह डॉक्टर आर सी पन्त का स्वागत श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष ललित मोहन जोशी उपाध्यक्ष विनोद पन्त महासचिव हेम पन्त मुख्य संयोजक गिरीश जोशी, संयोजक दीपक पांडे दीनू कोषाध्यक्ष नीरद लोहानी एवं अनिल जोशी ताराचंद जोशी, संजय पांडे एवं आनंद सिंह ने रामनामी अंग वस्त्र पहनकर किया।