श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण करने से धुंधकारी को भी मिली थी मुक्ति
द्वितीय दिवस धुंधकारी प्रसंग की कथा सुनाई गई
श्री रामलीला समिति महानगर द्वारा श्री रामलीला मैदान सेक्टर सी, महानगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस शुक्रवार को धुंधकारी प्रसंग की कथा सुनाई गई। कथा का प्रारंभ योग शिक्षिका भावना लोहानी एवं उनके पति नीरज लोहानी द्वारा पूजन के उपरांत हुआ। कथा का प्रारंभ करते हुए पंडित अंकित शास्त्री महाराज ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा की सारे पुराणों का सार भागवत है कथा श्रवण करने से चेतना आती है मोक्ष की प्राप्ति होती है और मनुष्य के आचरण में शुद्धता आती है।
मनुष्य के जीवन में सुख और दुख आते रहते हैं लेकिन मनुष्य को कभी भी दुखों से घबराना नहीं चाहिए बल्कि ईश्वर का ध्यान कर शांतिपूर्वक दुखों से निपटाने का प्रयास करना चाहिए और विश्वास के साथ कह सकते हैं मनुष्य इस दुख से मुक्ति पा जाता है। आचार्य अंकित शास्त्री ने धुंधकारी प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया कि धुंधकारी महर्षि अत्रि के पुत्र गौतम ऋषि के वंशज गोकर्ण के भाई थे जो विलासी प्रवृत्ति का व्यक्ति था इस विलासिता के कारण वेश्याओं ने उनकी हत्या कर दी थी हिंसक और पाप में मृत्यु के कारण उसकी आत्मा प्रीत योनि में भटकती रही। प्रीत योनि में वह भयंकर पीड़ा में था गोकर्ण उसका भाई धार्मिक एवं तपस्वी प्रवृत्ति का व्यक्ति था जब उसे अपने भाई की दशा का पता चला तो वह उसके उधर के उपाय सोचने लगा अंत में उसे पता चला की सा दिवसीय भागवत कथा श्रवण से उसके भाई की आत्मा को प्रेत योनि से मुक्ति मिल सकती है तो उन्होंने सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया । इसके उपरांत धुंधकारी की आत्मा को प्रेत योनि से मुक्ति मिल गई। इस अवसर पर रामलीला समिति की सभी पदाधिकारी विशेष रूप से दीपक पांडे दीनू, गिरीश जोशी, संजय श्रीवास्तव आनंद सिंह, देवेंद्र मिश्रा, अनिल जोशी संजय पांडे, नीरद लोहानी, बृजेश मेहता, हरीश लोहुमी,तारा जोशी, भावना लोहानी, भारती पांडे, सुजाता शर्मा, रिचा जोशी, भावना लोहुमी, अनुराधा भट्ट, पूनम बोरा,हेमा जोशी,कुणाल पन्त, नवीन पांडे, विक्रम बिष्ट, विनोद पन्त बीनू,सोभन पांडा आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित थे। रामलीला समिति के मीडिया प्रभारी देवेंद्र मिश्रा ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा रामलीला मैदान महानगर में 3 जुलाई 2025 तक प्रतिदिन सांय 5:30 बजे से 8:00 बजे तक होगी ।