अधिक टीडीएस कटौती से बच जाएंगे, 31 तक पैन को आधार से जोड़ने की सलाह

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अधिक टीडीएस कटौती से बच जाएंगे, 31 तक पैन को आधार से जोड़ने की सलाह

आयकर विभाग(Income Tax Department) ने टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को ऊंची दर पर कर कटौती (Cuts)से बचने के लिए 31 मई तक पैन को आधार(PAN as Aadhaar) से जोड़ने की सलाह दी है। आयकर नियमों के अनुसार, अगर स्थायी खाता संख्या (PAN) बायोमेट्रिक आधार से जुड़ा नहीं है, तो लागू दर से दोगुनी दर पर टीडीएस काटा जाना आवश्यक है। आयकर विभाग ने पिछले महीने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्धारित तारीख 31 मई तक अपने पैन को आधार से जोड़ा जाता है तो कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। विभाग ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह सलाह जारी की है।

आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं। ‘क्विक लिंक’ अनुभाग पर जाएं और ‘लिंक आधार’ का विकल्प चुनें। अपना पैन और आधार नंबर दर्ज करें, फिर ‘Validate’ बटन पर क्लिक करें। अपना वही नाम दर्ज करें जैसा आपके आधार कार्ड और आपके मोबाइल नंबर पर दिखाई देता है, फिर ‘लिंक आधार’ बटन पर क्लिक करें। अपने मोबाइल नंबर पर भेजा गया ओटीपी दर्ज करें और प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ‘वैलीडेट’ बटन पर क्लिक करें।


पैन-आधार लिंक स्टेटस ऐसे चेक करें


आधिकारिक वेबसाइट:
https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ पर जाएं और ‘Quick Links’ सेक्शन के तहत ‘Link Aadhaar Status’ विकल्प चुनें। अपना पैन और आधार नंबर दर्ज करें, फिर ‘लिंक आधार स्थिति देखें’ बटन पर क्लिक करें। सफल सत्यापन के बाद आपका पैन और आधार के लिंक की स्थिति स्क्रीन पर दिखाई देगी। यदि यूआईडीएआई अभी भी आपके अनुरोध पर कार्रवाई कर रहा है, तो आपको लिंक की स्थिति की पुष्टि करने के लिए बाद में फिर से स्टेटस चेक करना होगा।

आईटी विभाग ने एक अलग पोस्ट में बैंकों, विदेशी मुद्रा डीलर सहित रिपोर्टिंग संस्थाओं को दंड से बचने के लिए 31 मई तक एसएफटी दाखिल करने को भी कहा। विभाग ने कहा, एसएफटी (निर्दिष्ट वित्तीय लेनदेन का विवरण) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मई 2024 है। सही और समय पर दाखिल करके दंड से बचें।


पैन-आधार ऐसे करें लिंक



रिपोर्टिंग संस्थाओं विदेशी मुद्रा डीलर, बैंक, उप-रजिस्ट्रार, एनबीएफसी, डाकघर, बॉन्ड/ऋणपत्र जारीकर्ता, म्यूचुअल फंड ट्रस्टी, डिविडेंड का भुगतान करने वाली या शेयर वापस खरीदने वाली कंपनियों का कर अधिकारियों के समक्ष एसएफटी रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है।

एसएफटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर प्रत्येक ‘डिफ़ॉल्ट’ दिन के लिए 1,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। एसएफटी दाखिल न करने या गलत विवरण दाखिल करने पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। आयकर विभाग एसएफटी के जरिए किसी व्यक्ति द्वारा किए गए उच्च मूल्य के लेनदेन पर नजर रखता है।

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