New Year 2025: 1 जनवरी से LPG सिलेंडर, FD, UPI , GST और शेयर बाजार से जुड़े कई नियमों में परिवर्तन

नया साल 2025 अपने साथ कई बड़े बदलाव लेकर आ रहा है, जिनका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। 1 जनवरी से एलपीजी सिलेंडर, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), यूपीआई, जीएसटी और शेयर बाजार से जुड़े कई नियमों में परिवर्तन होगा। इसके साथ ही, कारों की कीमतें भी बढ़ने वाली हैं। आइए इन बदलावों को विस्तार से समझते हैं।

एलपीजी सिलेंडर के दाम:

सरकारी तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती हैं। कच्चे तेल के बढ़ते दामों के चलते जनवरी में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। फिलहाल दिल्ली में घरेलू सिलेंडर का दाम 803 रुपये है, जो आने वाले महीने में बदल सकता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट के नियम:

आरबीआई ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) के फिक्स्ड डिपॉजिट नियमों में बदलाव किया है। अब एफडी पर मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने में राहत मिलेगी। इसके अलावा, नॉमिनी से जुड़े नियम भी सरल किए गए हैं।

जीएसटी के सख्त नियम:

1 जनवरी से जीएसटी टैक्सपेयर्स के लिए कंप्लायंस नियम सख्त हो जाएंगे। मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अब सभी टैक्सपेयर्स पर लागू होगा। इसका उद्देश्य सुरक्षा को और मजबूत बनाना है।

यूपीआई 123Pay ट्रांजैक्शन लिमिट:

आरबीआई ने यूपीआई 123Pay की लेनदेन सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी है। यह बदलाव 1 जनवरी, 2025 से लागू होगा।

किसानों को राहत:

आरबीआई ने किसानों को बिना गारंटी के लोन की सीमा 1.60 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है। यह निर्णय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए लिया गया है।

शेयर बाजार के नए नियम:

1 जनवरी से सेंसेक्स, बैंकएक्स और सेंसेक्स 50 की मंथली एक्सपायरी हर महीने के आखिरी मंगलवार को होगी। इसके अलावा, साप्ताहिक अनुबंध अब शुक्रवार के बजाय मंगलवार को खत्म होंगे।

कारों की बढ़ी कीमतें:

मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हुंडई, महिंद्रा, और अन्य ऑटो कंपनियां 2-4% तक अपनी गाड़ियों की कीमतें बढ़ा रही हैं। लग्जरी ब्रांड जैसे मर्सिडीज-बेंज और बीएमडब्ल्यू भी अपने दाम बढ़ाने की तैयारी में हैं। कच्चे माल की लागत और रुपये की कमजोरी इसकी वजह बताई गई है।

इन सभी बदलावों से देश की आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा और आम जनता के खर्चों में वृद्धि की संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *