अब ट्रु कॉलर के बिना भी फोन में दिखेगा अननोन कॉलर्स का नाम, 15 जुलाई से शुरू होगी योजना

अब ट्रु कॉलर के बिना भी फोन में दिखेगा अननोन कॉलर्स का नाम, 15 जुलाई से शुरू होगी योजना

आप में से कई लोग ऐसे होंगे जो अननोन कॉलर्स से परेशान रहते होंगे और इसके चलते आपने ट्रूकॉलर जैसे कई एप्स अपने फोन्स में इंस्टॉल भी किए होंगे पर अब आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि इंडियन गवर्नमेंट और टेलिकॉम रेगुलेट्री अथोरिटी ऑफ इंडियी ने टेलिकॉम कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वो अब से लोगों के फोन में कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम डिस्पले होना चाहिए। इस इनशिएटिव का नाम है कॉलर आईडी प्रेजेंटेशन।

15 जुलाई से शुरू होगी योजना

टेलिकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा सर्कल में कॉलर आईडी प्रेजेंटेशन का ट्रायल किया जोकी सफल रहा हैं। अब इसे पूरे देश में ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’ (CNP) नामक यह सर्विस पूरे देश में 15 जुलाई से शुरू हो जाएगी। बता दें कि सिम खरीदते समय KYC फॉर्म पर भरी गई जानकारी के आधार पर कॉलर का नाम डिस्‍प्‍ले होगा, यानी जो नाम आपने सिम खरीदते वक्त अपने आधार के थ्रू भरा था वो ही नाम दर्ज होगा।साथ ही बिजनेस कॉल्स के मामले में कंपनी का नाम कॉल रीसीवर के फोन में डिस्पले होगा, स्पैम और फ्रॉड कॉल रोकने और साइबर क्राइम को रोक लगाने के लिए सरकार और टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के दबाव के बाद टेलिकॉम कंपनीज ये सर्विस शुरू करने को राजी हुई हैं।सरकार और इन्फैक्ट टेलिकॉम कंपनीज का भी मानना है कि इस कदम से देश में साइबर क्राइम रोकने में मदद मिलेगी, इसके अलावा स्‍पैम कॉल्स को रोकने में भी ये हेल्पफुल होगा। स्‍पैम कॉल देश में एक बड़ी समस्‍या बन चुका है. एक सर्वे के अनुसार, 60 फीसदी लोगों को दिन में 3 स्‍पैम कॉल आते हैं।

पहले ही रीसीवर को आगाह कर देगी

आपने अगर ट्रूकॉलर का इस्तेमाल किया है तो सीएनपी सर्विस भी कुछ वैसी ही होगी। जो अननोन कॉल्स और स्पैम कॉल्स, पोटेंशियली फ्रॉडुलेंट कॉल्स के बारे में पहले ही रीसीवर को आगाह कर देगी, पहले ट्रूकॉलर का कई लोग इस्तेमाल नहीं करते थए क्योंकि इससे डेटा लीक होने का डर रहता था क्योंकि क्योंकि ट्रूकॉलर जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स इंस्टॉल होने के साथ आपसे कई परमिशन्स मांगते हैं, जिसमें आपके मोबाइल में सेव कॉन्टैक्ट, मैसेज और फोटो के साथ साथ कई और जानकारियां, ऐसे में ट्राई के इस फैसले के बाद अब आपको थर्ड पार्टी ऐप इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होगी।

मोबाइल से निकलने वाला रेडियेशन शरीर के लिए नुकसानदेह

भले ही रेडिएशन से कोई बड़ी बीमारी के सबूत न मिले हों, लेकिन मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से सिरदर्द, थकान, डिप्रेशन, नींद न आना, आंखों में ड्राइनेस, काम में ध्यान न लगना, जोड़ों में दर्द के साथ-साथ प्रजनन क्षमता में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इन सभी समस्याओं का सीधा संबंध इम्यूनिटी के कम होने से है। अपनी लो इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए दवाओं के भरोसे रहने से ज्यादा अच्छा है डाबर च्यवनप्राश का सेवन शुरू कर देना। यह इम्यूनिटी को बढ़ाकर आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है।

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