स्कीम फॉर लीडरशिप डेवलपमेंट का माइनॉरिटी वूमेन पर चार दिवसीय वेबिनार का हुआ आरंभ
आज, एमबीपीजी महाविद्यालय की 24 यूके गर्ल्स बटालियन एनसीसी के द्वारा भारत सरकार की योजना नई रोशनी : स्कीम फॉर लीडरशिप डेवलपमेंट का माइनॉरिटी वूमेन पर चार दिवसीय वेबिनार का आरंभ किया गया।
नई रोशनी योजना के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर रखा गया व्याख्यान
कार्यक्रम के प्रथम दिवस का आरंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर नरेंद्र सिंह बनकोटी के उद्बोधन से आरंभ हुआ।
प्राचार्य बनकोटी के द्वारा नई रोशनी योजना के अंतर्गत भारत सरकार के द्वारा किए जाने वाले योजनाओं और कार्यों के विषय में बताया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉक्टर तनुजा मेलकानी असिस्टेंट प्रोफेसर बी.एड विभाग एवं अध्यक्ष कल्याणी महिला समिति के द्वारा दिया गया।डॉक्टर तनुजा मलकानी ने नहीं रोशनी के विषय में बताया कि यह योजना वर्ष 2012-13 में भारत सरकार के द्वारा आरंभ की गई थी और इस योजना के द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु विभिन्न नीतियों का कार्यान्वित किया गया ।
विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूल प्रस्तुत किए गए
नई रोशनी योजना के अंतर्गत महिलाओं के लिए विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूल प्रस्तुत किए गए जैसे महिलाओं का नेतृत्व , शैक्षिक कार्यक्रम , स्वास्थ्य और सफाई , वित्तीय साक्षरता, स्वच्छ भारत , महिलाओं के व्यक्तिगत और कानूनी अधिकार, डिजिटल साक्षरता, सामाजिक और व्यावहारिक परिवर्तन आदि विषयों को रखा गया।
डाक्टर तनुजा मलकानी ने महिलाओं के आर्थिक स्वालंबन और उनके समावेशी सामाजिक विकास के विषय पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।
योजनाओं से संबंधित जानकारी दी गई
कार्यक्रम का संचालन एमबीपीजी कॉलेज के एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉक्टर ज्योति टम्टा ने किया। डॉ० ज्योति टम्टा ने नई रोशनी योजना की प्रस्तावना उद्देश्य और नई रोशनी योजना की आवश्यकता क्यों है इस योजना के लक्ष्य समूह क्या है और नई रोशनी योजना का महत्व क्या है तथा भारत में अल्पसंख्यक लोगों के लिए और कौन-कौन सी सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया।
कार्यक्रम में उपस्थित जन
कार्यक्रम में 24 यूके गर्ल्स बटालियन के एनसीसी छात्राएं हर्षिता, मृणाल, काव्या, गीतांजलि, दिव्यांशी, सोनाली, संजना, प्रियंका , रिया, दीपशिखा, दीपाली, पूजा गोस्वामी, कविता, रितिका आदि एमबीपीजी कॉलेज के एन एस एस के छात्र-छात्राएं विभिन्न संस्थाओं के प्राध्यापक और एनसीसी बटालियन के ऑफिसर भी कार्यक्रम में जुड़े रहे।