सोचने से कंट्रोल होगा हर डिवाइस, मार्केट में आयी नई तकनीक
सोचो जरा आप कुछ सोचिए और आपके सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कंट्रोल हो जाए, यह कोई कल्पना नहीं एक सच्चाई है। हाल ही में Synchron कंपनी ने एक ऐसे व्यक्ति का इलाज किया जो एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) नामक एक बीमारी से पीड़ित था। इस बीमारी के कारण मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी चलने फिरने की क्षमता खो देता है। सिंक्रोन ने इस व्यक्ति के मस्तिष्क में एक छोटा सा चिप लगाया। इस चिप के जरिए अब वह अपने दिमाग से ही अमेजन एलेक्सा को कंट्रोल कर सकता है। वह वीडियो कॉल कर सकता है, गाने सुन सकता है और यहां तक कि अपने घर के लाइट्स को भी चालू-बंद कर सकता है।64 वर्षीय एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) रोगी ने दिमागी इम्प्लांट का उपयोग कर अमेज़न की एलेक्सा को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया। इस तकनीक को Synchron कंपनी ने पेश किया, जिससे स्मार्ट होम उपकरणों और मनोरंजन को सिर्फ सोच से नियंत्रित किया जा सकता है। इतना ही नहीं ये टेक्नोलॉजी स्मार्ट होम को और भी स्मार्ट बना सकती है। हम जल्द ही ऐसे घरों की कल्पना कर सकते हैं जहां सभी डिवाइस हमारे सोचने मात्र से कंट्रोल होंगे।64 वर्षीय ALS रोगी ने दिमागी इम्प्लांट से एलेक्सा को नियंत्रित किया।इम्प्लांट को मस्तिष्क की सतह पर एक रक्त वाहिका में लगाया गया।रोगी ने वीडियो कॉल, म्यूजिक प्ले, और शो स्ट्रीम करने में सफलता पाई।उसने लाइट्स और थर्मोस्टेट जैसे स्मार्ट होम उपकरणों को नियंत्रित किया।यह तकनीक बिना आवाज या स्पर्श के उपकरणों को संचालित करने देती है।ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस कंपनी Synchron ने इस इम्प्लांट का विकास किया।ALS एक नसों की बीमारी है, जिससे मांसपेशियों की कमजोरी और लकवा होता है।Synchron के CEO ने बिना हाथ और आवाज के उपकरणों से इंटरैक्शन को महत्वपूर्ण बताया।एलन मस्क की Neuralink भी इसी तरह की तकनीक विकसित कर रही है।Neuralink ने हाल ही में एक लकवाग्रस्त व्यक्ति में ब्रेन इम्प्लांट का परीक्षण किया।