चांद….. डॉ ललित योगी की कविता चांद
ये चांद बादलों का है?या बादलों का चांद है।चांद था जो दूर बैठा हुआ,वो चांद अब इसरो में है।तुम शिव…
ये चांद बादलों का है?या बादलों का चांद है।चांद था जो दूर बैठा हुआ,वो चांद अब इसरो में है।तुम शिव…
शीघ्र हीअल्मोड़ा के युवा गायक नाज़िम अली की आवाज में डॉ ललित योगी का लिखा हुआ गीत आएगा…आप जरूर सुनियेगा….