डान-कान में धाम ऐगो….घुगुती जागर के कलाकारों ने गाया डा. योगी का लिखा गीत, अबतक कई हजार लोगों ने सुना

उत्तराखंड कुमाऊं के प्रसिद्ध घुगुती जागर के कलाकारों ने डा. ललित जोशी द्वारा लिखा कुमाउनी गीत को कंपोज किया व गाया हैँ। इस गीत को टीम घुगुति जागर के चैनल के माध्यम से अबतक 44 हजार से अधिक दर्शक देख चुके है। इस मनमोहक गीत के धुन को स्वयं डा. जोशी द्वारा रचा गया हैँ।

आपको बता दें कि घुगुती जागर टीम के संचालक राजेंद्र ढैला ( rajendra dhaila) है जो एक कवि भी है। इनकी टीम कुमाउनी लोक गीत संगीत व कविताओं को यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से प्रचार प्रसार करती हैँ। इस टीम का लोक संस्कृति और कुमाऊनी बोली के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है। हाल ही में इस टीम ने डॉक्टर ललित जोशी का लिखा गीत गया जो की तेजी से वायरल हो रहा है।

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वहीं डा. ललित जोशी ने टीम का धन्यवाद करते हुए कहा

क़भी क़भी अपने हृदय से उपजी हुई कविताएं भी गीत हो जाती हैं। जब अपने द्वारा रची हुई कविताओं की पंक्तियां बार बार जुबाँ पर अटक आये तो तब वो रचनाएं गीत बन जाती हैं।
विगत वर्ष मैंने एक रचना लिखी। “तू ही मेरी जिंदगी!” शीर्षक से यह रचना थी। जिसके बोल बाल बार मेरी जुबाँ पर आ जाते।
उस रचना को “घुगुती जागर” के अपने कवि मित्र राजेंद्र ढैला जी को लिख भेजा। 2 महीने बाद उन्होंने उस रचना को संगीत देकर ब्रॉडकास्ट किया। उनके साथ राजेन्द्र प्रसाद जी, शर्मा जी एवं अन्य कलाकार बंधु ने संगीत देकर रचना अमर कर दी। घुगुती जागर टीम का आभार।

डान-कान में धाम ऐगो

बाजैं हाँ मुरुली

तुई मेरी जिंदगी छै

तू मेरी दुणी

तेरी गोरी मुखडी लागै

जून की टुकड़ी।

तारों की राणी जसी

मेरी माया त्वेपरी

तेरो मेरो मेल हैजो

माँगू हो मनौती

तुई मेरी जिंदगी है, तू मेरी दुंणी ।

अल्मोड़ा की कोसी छै तू,

सरयू बागश्यरे की

करनार की धार जसी

दुनगिरी की देवी।

बरखा लागी कमा झूमा

शोण भयो झूली, तू मेरी…

ह‌यून की घाम जैसी,

शौण की बराखा तू ।

रंगीली मेरी बान

कुमगढ़ की शाम तू

त्वेपरि माया लागी रै

म्येरि मने की देवी

तुई मेरी जिंदगी

डान-कान…

इसे यूट्यूब https://youtu.be/tAXDOyTAmgY में भी देख सकते हैँ।

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