U’Khand: फर्जी कॉल, धोखाधड़ी कर बना करोड़पति, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

फर्जी कॉल, धोखाधड़ी, stf

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के नाम पर साइबर ठगी करने वाले साइबर ठग गिरोह के सरगना को उत्तराखंड एसटीएफ ने वृंदावन मथुरा से गिरफ्तार कर लिया है।एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि बीते दिनों एसटीएफ ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर प्रेमनगर क्षेत्र में रहकर साइबर ठगी करने वाले दो ठगों को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के निवासियों के अलावा देश भर में कई लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी की चुका है।

एसएसपी ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना दीपक राज शर्मा तब से फरार चल रहा था, उसकी तलाश में एसटीएफ जगह-जगह दबिश दे रही थी।शनिवार 13 अप्रैल को एसटीएफ के उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, नरोत्तम बिष्ट व हेड कांस्टेबल देवेंद्र को सूचना मिली कि दीपक राज वृंदावन मथुरा में छिपा है, जहां शनिवार को उसे गिरफ्तार किया। गिरोह के सरगना के पास से 13 मोबाइल, सात बैंक के एटीएम कार्ड, सात सिम कार्ड, आधार कार्ड और लाखों रुपए के हिसाब किताब की 10 डायरियां बरामद हुई है।पूछताछ में दीपक राज निवासी ग्राम बिशुनपुर छोटे पट्टी थाना दोस्तपुर जिला सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश ने बताया कि उसने लाल इंटर कॉलेज सुल्तानपुर से 12वीं परीक्षा पास की है।

वह 2015 में काम के सिलसिले में देहरादून आया और बसंत विहार स्थित हॉक कमांडो सिक्योरिटी सर्विस में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगा। इसके बाद वह एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। कॉल सेंटर के लोग विभिन्न कंपनियों के टावर लगाने के नाम पर ठगी करते थे। वर्ष 2015 में उसे ठगी के मामले में सेलाकुई थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया।इसके बाद उसने बसंत विहार स्थित अनुराग चौक के पास अपना कॉल सेंटर खोला और ऑनलाइन ठगी करनी शुरू कर दी, लेकिन वहां से भी साइबर थाना पुलिस ने 2022 में उसे गिरफ्तार कर लिया। उस समय उसके साथ रिशिपाल, सोहित शर्मा व विकास शर्मा भी जेल गए थे। एक महीने जेल में रहने के बाद जमानत के छूटने के बाद वह वापस अपने गांव चला गया।फिर जून 2023 में दोबारा देहरादून आया और प्रेमनगर क्षेत्र में एक कॉल सेंटर खोला, जहां उसने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी करनी शुरू कर दी। इस काम के लिए उसने अपने साथ 9 से 10 लड़कों को रखा। इस काम के लिए एक हजार रुपये प्रति सिम खरीदा व बिहार से 25 से 30 हजार रुपये में प्रति खाता खरीदा था। मुद्रा लोन का मैसेज एड वह दिल्ली के एक लड़के के जारी करवाता था जिससे ग्राहक झांसे में आ जाते थे। मुद्रा लोन को लेकर फर्जी कॉल से धोखाधड़ी करके वह 6 से 7 लाख रुपए प्रति सप्ताह कमा रहा था, जिसमें से 50% हिस्सा अपनी टीम को तथा 50% व खुद रखता था। ठगी की कमाई से उसने सिद्धवाला व प्रेम नगर में दो प्लाट खरीदे। इसके बाद इसके अलावा पांच-पांच लाख रुपए के तीन कमेटी में अपना धोखाधड़ी से कमाया रुपया लगाया। वहीं प्रेमनगर स्थित ठाकुरपुर में नित्य गारमेंट्स के नाम से दुकान खोली। इसके अलाव कई अहम जानकारी मिली है जिनके सम्बन्ध में एसटीएफ आगे कार्यवाही की योजना बना रही है।

गिरप्तार करने वाली टीम का नाम उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, नरोत्तम विष्ट हेड कांस्टेबल देवेन्द्र मंमगाई,प्रमोद कुमार, रवि पंत,कांस्टेबल दीपक चन्दोला, नितिन कुमार आदि थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *