अल्मोड़ा: प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माणाधीन कार्य एक साल से अधर में लटका, रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति द्वारा सीएम को भेजा गया ज्ञापन

➡️रीठागाड क्षेत्र की बीस से पच्चीस हजार जनता परेशान

➡️उग्र आंदोलन की चेतावनी

रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति द्वारा भैसियाछाना विकास खंड रीठागाड क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं के निराकरण हेतु सीएम को ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया गया।

रीठागाड क्षेत्र की बीस से पच्चीस हजार जनता परेशान

ज्ञापन माध्यम से कहा गया कि रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति लंबे समय से मूलभूत समस्याओ के निराकरण हेतु शासन प्रशासन के साथ संघर्ष करती आ रही है। लेकिन अभी हमारे क्षेत्र की मूलभूत समस्याओ के निराकरण के लिए शासन प्रशासन की ओर से कोई कारवाई नहीं की जा रही है। कनारीछीना में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माणाधीन कार्य एक साल से अधर में ही लटका है। कनारीछीना प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन निर्माण कार्य रुकने से रीठागाड क्षेत्र की बीस से पच्चीस हजार जनता परेशान हैं। रीठागाड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं को रोड आभाव के कारण जैसे तैसे निकटतम अस्पताल कनारीछीना में लाया जाता है। परन्तु कनारीछीना प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन निर्माण कार्य पूरा न होने से क्षेत्र के ग्रामीणों को बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं को धौलछीना व अल्मोड़ा जिला अस्पताल ले जाना पड़ता है। कनारीछीना से अल्मोड़ा जिला अस्पताल की दूरी पचास से साठ किलोमीटर है। जिससे गरीब परिवार के लोगों को अपने इलाज के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

उग्र आंदोलन की चेतावनी

समिति द्वारा कहा गया कि जल्द से जल्द कनारीछीना प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन निर्माण कार्य शुरू किया जाय। रीठागाड की जनता इस अस्पताल के भवन निर्माण कार्य बंद होने से काफी आक्रोशित है। अगर जल्द से जल्द शासन प्रशासन ने कनारीछीना प्रथामिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन निर्माण शुरू नहीं किया तो क्षेत्रीय जनता उग्र आंदोलन के लिए बाध्य रहेगी उस दौरान किसी आदमी के लिए हादसा होता है तो उसके जिम्मेदार शासन प्रशासन रहेगा ।

एक साल से कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल भवन निर्माण कार्य बंद

बताते चलें कि कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल 65 साल पुराना अस्पताल है कनारीछीना के स्वर्गीय चंद्रमणि समाजिक कार्यकर्ता ने गोवर्धन तिवारी मंत्री के शासनकाल में इस अस्पताल की स्थापना की । उन्होंने कई साल बिना किराये अपने घर से संचालित करवाया।आज 65 साल बीत जाने के बाद उत्तराखंड पृथक राज्य बन गया लेकिन ये अस्पताल अभी तक अधर में लटका है । एक साल से कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल भवन निर्माण कार्य बंद है।

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