पूर्व दर्जा मंत्री कर्नाटक मंगलवार को करेंगे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का घेराव

पूर्व दर्जा मंत्री कर्नाटक मंगलवार को करेंगे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का घेराव

एक सप्ताह पहले पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों चेतावनी देते हुए कहा था कि विभाग एक सप्ताह के भीतर गैस गोदाम लिंक मार्ग में सुधारीकरण का अवशेष कार्य तत्काल प्रभाव से प्रारम्भ करे, लेकिन एक सप्ताह बाद भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा गैस गोदाम मोटर मार्ग के सुधारीकरण की कार्यवाही प्रारंभ नहीं हो पायी है।

बार बार की जा रही सड़क सुधारीकरण की मांग

अब मंगलवार को पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का घेराव करेंगे। बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि लगातार पिछले कई वर्षों से गैस गोदाम लिंक मोटर मार्ग अपनी बदहाल स्थिति में पड़ा है।बार बार जनता के द्वारा सड़क सुधारीकरण की मांग की जा रही है लेकिन लोक निर्माण विभाग मूकदर्शक बना हुआ है,इस मोटर मार्ग में लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, विशेष कर दो पहिया वाहन चालक उक्त मोटर मार्ग में गिरकर चोटिल हो रहे हैं।स्कूली बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों का सड़क पर चलना दुश्वार हो रहा है ,लेकिन लोक निर्माण विभाग उदासीन बना हुआ है।

लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली से जनता परेशान

उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली से जनता परेशान है,जिस कारण उन्हें इन सभी की परेशानियों को ध्यान मे रख कर मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का घेराव कर रहे हैं। बिट्टू कर्नाटक ने कहा कहा कि यदि इसके बाद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं खुलती है तो वह चरणबद्ध तरीके से आमरण अनशन,चक्काजाम करने को मजबूर होंगे ,जिसकी समस्त जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की होगी।साथ ही बीती कर्नाटक ने विशेष रूप से कहा कि बारिश ने सम्बन्धित विभागों के आपदा तंत्र की पोल खोल कर रख दी है।

उग्र आंदोलन को होना पड़ेगा बाध्य

नालियों और नालों का निर्माण न होने से पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हो पायी है ,लगातार पानी स्थानीय नागरिकों के घरों में घुस रहा है,बारिश से पहले ही यदि सम्बन्धित विभागों ने अपनी व्यवस्थाओं को चाक चौबंद कर लिया होता तो आज अल्मोड़ा वासियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता, उन्होंने संबंधित विभागों से कहा कि तत्काल आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर लोगों की समस्याओं का समाधान करें और अपने तंत्र को दुरुस्त कर प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों को सहायता प्रदान करें, यदि आपदा प्रवाही क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा तो उन्हें संबंधित विभागों के खिलाफ भी उग्र आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी संबंधित विभागों की होगी।।

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