पूर्व दर्जा मंत्री कर्नाटक ने कनारीछीना में निर्माणाधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण को पूर्ण करने हेतु चिकित्सा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

पूर्व दर्जा मंत्री कर्नाटक ने कनारीछीना में निर्माणाधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण को पूर्ण करने हेतु चिकित्सा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

विधानसभा अल्मोडा के विकास खण्ड भैसियाछाना अन्तर्गत कनारीछीना में निर्माणाधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण को पूर्ण करने हेतु जिला योजना से धनावंटन करने की मांग को लेकर पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किया तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी अल्मोड़ा को ज्ञापन सौंप कर तत्काल कार्रवाई की मांग की।

कनारीछीना के भवन निर्माण हेतु 196.58 लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी थी

पत्र के माध्यम से बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि जिला योजना वर्ष 2021-2022 में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कनारीछीना के भवन निर्माण हेतु 196.58 लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी थी जिसे 2022- 2023 तक शत-प्रतिशत अवमुक्त भी कर दिया गया वर्तमान तक निर्माण कार्य मात्र 45 प्रतिशत ही पूर्ण हो पाया है। बिट्टू कर्नाटक ने यह भी जोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र के अन्तर्गत चिकित्सा की पर्याप्त सुविधा न होने के कारण बीमार व्यक्तियों को अल्मोडा मेडिकल कॉलेज ले जाने के अतिरिक्त उनके पास कोई विकल्प नहीं है, उक्त निर्माणाधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के में लाखों रूपये व्यय होने के बाद भी अभी तक भवन की छत नहीं पड़ पायी है।

अनावश्यक व्यय होने वाली धनराशि से भी बचा जा सकेगा

उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कनारीछीना के भवन निर्माण हेतु पुनरीक्षित आंगणन रू. 398.86 लाख प्रेषित किया गया था जिसकी स्वीकृति वर्तमान तक अपेक्षित है। बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन को पूर्ण किये जाने हेतु पुनरीक्षित आंगणन के अनुसार धनराशि रू. 200 लाख की तत्काल आवश्यकता है, जिसके लिए उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण हेतु पुनरीक्षित आगंणन के अनुसार धनराशि रू. 200 लाख विशेष प्राथमिकता आधार पर जिला योजना से स्वीकृत कर अवमुक्त करने की मांग बिट्टू कर्नाटक ने की है, और कहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण से सुदूर वर्तीय क्षेत्र के लोगों को को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ प्राप्त हो सकेगा ,और उन्हें उपचार हेतु अल्मोडा अथवा मैदानी क्षेत्रों की ओर  दौड नहीं लगानी पड़ेगी, और अनावश्यक व्यय होने वाली धनराशि से भी बचा जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *