Health- wealth: भारत में डायबिटीज के मरीजों में इन विटामिन की कमी आयी सामने

भारत में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, विशेष रूप से टाइप-2 डायबिटीज के। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 77 मिलियन लोग टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त हैं। हाल ही में प्रकाशित ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) की एक स्टडी में डायबिटीज मरीजों में पोषण संबंधी कमियों को लेकर महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्रस्तुत किए गए हैं।

1998 से 2023 के बीच 25 वर्षों की इस स्टडी में 52,000 से अधिक प्रतिभागियों पर 132 अलग-अलग अध्ययन किए गए। इस रिसर्च में पाया गया कि डायबिटीज के मरीजों में विशेष रूप से विटामिन डी, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन बी12 की कमी अधिक पाई जाती है।

Health- wealth: भारत में डायबिटीज मरीजों में विटामिन की कमी

1. विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency)
* अध्ययन के अनुसार, 60% से अधिक डायबिटीज मरीजों में विटामिन डी की कमी पाई गई।
* विटामिन डी शरीर में इंसुलिन के उत्पादन और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
* इसकी कमी ब्लड शुगर नियंत्रण को बाधित कर सकती है, जिससे डायबिटीज की जटिलताएं बढ़ सकती हैं।

2. मैग्नीशियम की कमी (Magnesium Deficiency)
* रिपोर्ट के अनुसार, डायबिटीज मरीजों में 42% को मैग्नीशियम की कमी होती है।
* मैग्नीशियम ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सहायक होता है और इसकी कमी इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा सकती है।
* यह हृदय स्वास्थ्य और नसों की कार्यक्षमता के लिए भी आवश्यक है।

3. आयरन की कमी (Iron Deficiency)
* स्टडी के अनुसार, 28% डायबिटीज मरीजों में आयरन की कमी देखी गई।
* आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन का स्तर गिरता है , जिससे थकान, कमजोरी और ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
* यह ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित कर सकता है और मेटाबॉलिक क्रियाओं को प्रभावित कर सकता है।

4. विटामिन बी12 की कमी (Vitamin B12 Deficiency)
* अध्ययन में 29% डायबिटीज मरीजों में विटामिन बी12 की कमी पाई गई।
* विटामिन बी12 की कमी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती है, जिससे नसों में दर्द, झनझनाहट और न्यूरोपैथी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
* यह विशेष रूप से उन मरीजों में अधिक देखी जाती है जो मेटफॉर्मिन (Metformin) जैसी दवाओं का सेवन कर रहे हैं।

डायबिटीज और पोषण का संबंध

भारतीय स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान संस्थान (IIHMR), राजस्थान के शोधकर्ताओं के अनुसार, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में पोषण संबंधी कमियां अधिक पाई गईं।

इसके अलावा, अध्ययन में यह भी पाया गया कि विटामिन की पर्याप्त मात्रा शरीर में ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मददगार हो सकती है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार में आवश्यक विटामिन और मिनरल्स को शामिल करना चाहिए।

डायबिटीज के प्रमुख कारण

डायबिटीज होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

1. अनुवांशिक कारण (Genetic Factors) – यदि परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो इसके होने की संभावना अधिक होती है।
2. असंतुलित आहार (Unhealthy Diet) – अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड, मीठे पदार्थ और अनहेल्दी फैट्स का सेवन।
3. शारीरिक निष्क्रियता (Lack of Physical Activity) – व्यायाम की कमी से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है।
4. तनाव और खराब जीवनशैली (Stress and Poor Lifestyle) – अनियमित दिनचर्या, कम नींद और अधिक तनाव भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ाते हैं।

डायबिटीज के मरीजों में विटामिन डी, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन बी12 की कमी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में सामने आई है। पोषण विशेषज्ञों और डॉक्टरों के अनुसार, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और विटामिन सप्लीमेंट्स के माध्यम से इन कमियों को पूरा किया जा सकता है। समय रहते सही जीवनशैली अपनाकर डायबिटीज की जटिलताओं को रोका जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।

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