डा. ‘ललित योगी’ की लिखी कविता ‘जिंदगी की दौड़’
जिंदगी की दौड़.. 🖋️ न जाने क्यों भाग रहे हैं हम!सड़कों पर भागती हुई गाड़ियों की तरहतेज घूमते हुए चक्के…
जिंदगी की दौड़.. 🖋️ न जाने क्यों भाग रहे हैं हम!सड़कों पर भागती हुई गाड़ियों की तरहतेज घूमते हुए चक्के…
व्लॉग हो गया ललित योगी जाने ये कैसा अचरज अब व्लॉग हो गया,चेली-ब्वारियों का सब कुछ यही हो गया।जिंदगी परत-दर-परत…
डॉ ललित जोशी ✒️ कभी कभी मालूम नहीं चल पाता कि मैं क्या लिख रहा हूँ। मैं जो भी लिख…
अतुल्य भारत का अभेद्य चंद्रारोहण और अभिनव पदश्चरण आजादी के अमृत महोत्सव में चंद्रयान तीन ने अद्वितीय इतिहास आज बनाया…
दांत जब दांतों में सड़न हो,तो जड़ें हिलने लगती हैं।गाल से कान तक धंसी नसेंसड़ सड़ सड़कने लगती हैंकान भी…
मुझे अक्सर संदेह होता हैकि मैं आदमी हूं!क्योंकिरास्ते में गिर जाती है मेरी नाक,आंखें और दूसरे अंग भी,राह चलता…