उत्तराखण्ड: धरना प्रदर्शन कर रही आशा कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री रावत से की मुलाक़ात

धरना प्रदर्शन कर रही आशा कार्यकर्ताओं

देहरादून -राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत उत्तराखंड की आशा कर्मचारियों ने लंबे समय से उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग व उत्तराखंड मुख्यमंत्री जी व उत्तराखंड स्वास्थ्य मंत्री जी को अपनी जल्वंत मांगो के लिए व रिटायर्डमैट के समय दो लाख रुपए सेवानिवृत्त दिये जाने के लिए धरना प्रदर्शन व अनिश्चितकालीन हड़ताल के जरिए अवगत कराया। अभी वर्तमान में 5फरवरी से उत्तराखंड की आशा कर्मचारी अलग अलग संगठनों के जरिए अलग अलग जगहों में धरना प्रदर्शन करके सरकार के खिलाफ अपनी जल्वंत मांगो के लिए व हरियाणा राज्य की दो लाख रुपए सेवानिवृत्त दिये जाने के लिए सड़कों पर उतर कर रैली धरना प्रदर्शन करके अवगत कराती गई। 26फरवरी को उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों से देहरादून में उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ती युनियन व उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कश युनियन के बैनर के तले घंटों तक धरना प्रदर्शन करके अपनी मांगों की आवाज उठाई।

जल्द से जल्द मांगों पर अमल किया जाए

उत्तराखंड स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत जी ने देहरादून यमुना कालोनी में उत्तराखंड आशा कर्मचारियों से मुलाकात की मुलाकात के दौरान कमला कुंजवाल आशा हेल्थ वर्कश युनियन के प्रदेश अध्यक्ष,रीता कश्यप प्रदेश उपाध्यक्ष, सरस्वती पुनेठा जिला अध्यक्ष आदि पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता की ।इस वार्ता में स्वास्थ्य मंत्री जी ने आशा कर्मचारीयों की मांगों पर जल्द से जल्द मीटिंग करके हरियाणा की तरह दो लाख रिटायर्डमैट बेनिफिट व जो पैसा आशा कर्मचारी लोगों को छुट मुट करके मिलता है उसे हर महीने डालने की बात हुई है। आशा हेल्थ वर्कश युनियन प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल से स्वास्थ्य मंत्री जी कहा है। जब हम आपकी मांगो के बारे में प्रस्ताव पारित करेंगे तो उस कोर मीटिंग में आशा कर्मचारियों को भी बुलाया जायेगा। जल्द से जल्द आपकी जल्वंत मांगो का निराकरण हेतु समाधान निकाला जायेगा।

उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन (ऐक्टू) की ओर से की गयी मांगे

आशाओं को मासिक मानदेय नियत करने व डी.जी. हेल्थ उत्तराखंड द्वारा आशाओं के मानदेय को लेकर बनाए गए 2021 के प्रस्ताव को लागू करने का आपके द्वारा खटीमा में किया गया वादा तत्काल पूरा किया जाय।आशाओं को न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा व सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं को अनिवार्य पेंशन का प्रस्ताव विधानसभा के इसी सत्र में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाय।जब तक सेवानिवृत्त होने वाली आशाओं को मासिक पेंशन का प्रावधान नहीं किया जाता तब तक रिटायरमेंट के समय दस लाख की एकमुश्त धनराशि दी जाय।आशाओं को विभिन्न मदों के लिए दिए जाने वाले पैसे कई कई महीनों तक लटकाने के स्थान पर अनिवार्य रूप से हर महीने दिया जाय।आशाओं को ट्रेनिंग व पल्स पोलियो अभियान के दौरान प्रति दिन पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाय।सभी सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली पदों को तत्काल भरा जाय।

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