राष्ट्रपति मुर्मू ने भूमि सम्मान पुरस्कार प्रदान किए, 9 राज्य सचिवों, 68 जिला कलेक्टरों को मिला सम्मान



राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार 18 जुलाई 2023 को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में भूमि सम्मान 2023 प्रदान किए। यह पुरस्कार उन 9 राज्य सचिवों और 68 जिला कलेक्टरों को उनकी टीमों के साथ प्राप्त हुए, जिन्होंने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के मुख्य घटकों की संतृप्ति हासिल करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण देश के विकास में महत्वपूर्ण



इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए ग्रामीण विकास में तेजी लाना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण एक बुनियादी आवश्यकता है, क्योंकि अधिकांश ग्रामीण आबादी की आजीविका भूमि संसाधनों पर निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए एक व्यापक एकीकृत भूमि प्रबंधन प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है।

डिजिटलीकरण से पारदर्शिता बढ़ती है



राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटलीकरण से पारदर्शिता बढ़ती है। भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण से देश के विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ इसके जुड़ाव से कल्याणकारी योजनाओं के उचित कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। बाढ़ और आग जैसी आपदाओं के कारण दस्तावेजों के नुकसान की स्थिति में भी यह बहुत मददगार होगा।

भूमि पार्सल पहचान संख्या आधार कार्ड की तरह हो सकती है उपयोगी



राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि डिजिटल इंडिया भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली के तहत, एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या प्रदान की जा रही है, जो आधार कार्ड की तरह उपयोगी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह संख्या भूमि के समुचित उपयोग के साथ-साथ नई कल्याणकारी योजनाओं को बनाने और लागू करने में मदद करेगी। ई-कोर्ट को भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण डेटा-बेस से जोड़ने से कई लाभ होंगे। डिजिटलीकरण से जो पारदर्शिता आ रही है, उससे जमीन संबंधी अनैतिक और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

भूमि संबंधी जानकारी मुफ्त और सुविधाजनक तरीके से मिलने से कई फायदे होंगे



राष्ट्रपति ने कहा कि भूमि संबंधी जानकारी मुफ्त और सुविधाजनक तरीके से मिलने से कई फायदे होंगे। उदाहरण के लिए इससे भूमि के स्वामित्व और उपयोग से संबंधित विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी जमीन से जुड़े विवादों में उलझी हुई है और इन मामलों में प्रशासन और न्यायपालिका का काफी समय बर्बाद होता है। डिजिटलीकरण और सूचना के जुड़ाव के माध्यम से लोगों और संस्थानों की ऊर्जा, जो विवादों को सुलझाने में खर्च होती है, का उपयोग विकास के लिए किया जाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा, इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और लोग आसानी से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे भूमि विवाद भी कम होंगे। राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल इंडिया देश में जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ है और आज दुनिया के कुल डिजिटल लेनदेन का 46 प्रतिशत भारत में हो रहा है।

अदालती मामलों की बड़ी संख्या को कम करने में मिलेगी मदद



उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल को प्रदान किए गए हैं। बताना चाहेंगे, भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण की डिजिटलीकरण प्रक्रिया भूमि विवादों से जुड़े अदालती मामलों की बड़ी संख्या को कम करने में मदद करेगी, जिससे रुकी हुई परियोजनाओं के कारण देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले सकल घरेलू उत्पाद के नुकसान में भी कमी आएगी।

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