यूपीएस और एनपीएस के विरोध में कर्मचारियों और शिक्षकों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर किया कार्य
यूपीएस और एनपीएस के विरोध में मंगलवार को सभी कर्मचारियों और शिक्षकों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर कार्य किया। इस मौके पर उन्होंने पुरानी पेंशन को कर्मचारियों और शिक्षकों के हित में बताते हुए इसे जल्द से जल्द लागू किए जाने की मांग की। इसके बाद कलैक्ट्रेट पहुंचकर पुरानी पेंशन लागू किए जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
यूनिफाइड पेंशन योजना कार्मिकों के लिए एनपीएस से भी ज्यादा खतरनाक
ज्ञापन में कार्मिकों ने कहा कि यूनिफाइड पेंशन योजना कार्मिकों के लिए एनपीएस से भी ज्यादा खतरनाक है। जिसमें ग्रेच्युटी और पारिवारिक पेंशन को भी कार्मिकों से छीन लिया गया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी एवं शिक्षक अपनी सेवानिवृत्ति तक शासन प्रशासन के महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन करते हैं। अगर सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलता है तो उनका जीवन यापन कठिन हो जाएगा। वे स्वयं को सामाजिक और आर्थिक रूप से असुरक्षित महसूस करेंगे जो पूरी व्यवस्था और सामाजिक ढांचे के लिए ठीक बात नहीं होगी। इसलिए सरकार को तुरंत पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए। लेकिन राज्य सरकार ने उल्टा यूपीएस के लिए अधिसूचना जारी कर कर्मचारी और शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा कि एनपीएस और यूपीएस उन्हें कतई स्वीकार्य नहीं है और पुरानी पेंशन बहाल होने तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग की
ज्ञापन में एनएमओपीएस के कुमाऊं मंडल अध्यक्ष राजू महरा, जिला अध्यक्ष गणेश भंडारी जिला मंत्री भूपाल सिंह चिलवाल, प्रधानाचार्य परिषद के जिलाध्यक्ष हिमांशु तिवारी, प्रान्तीय कोर कमेटी सदस्य धीरेंद्र पाठक, जिला संयोजक मनोज कुमार जोशी, नितेश कांडपाल, दीप चंद्र पांडे, दीपक तिवारी, शैलू पाण्डे, योगेश नेगी, डीके जोशी, दीपशिखा गोस्वामी, दीपक तिवारी, कैलाश नयाल, खुशहाल महर, हेमा बहुगुणा, देवेश बिष्ट, मोहन सिंह, सुशील तिवारी, राधा लस्पाल, देवेन्द्र सिंह चिलवाल, भोला दत्त पंत, रमेश पालनी, अजय बिष्ट, प्रमोद नयाल, मेघा मनराल, गोकुल, मीनाक्षी राणा, आदि के हस्ताक्षर हैं।
इधर जनपद के समस्त ब्लॉकों में भी कार्यालयों और विद्यालयों में कर्मचारी और शिक्षकों ने आज अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर अपना कार्य किया और पुरानी पेंशन बहाली की मांग की।