Health: underweight side effect: बहुत कम वजन होना भी सेहत के लिए खतरनाक, हो सकती है यह बीमारियां

आपने भी कभी ना कभी सुना ही होगा रहीमन इस संसार में भांति भांति के लोग, भांति भांति के लोग अगर स्वस्थ हो तो यह संसार के लिए भी अच्छा है। मगर सेहत के लिए न केवल मोटापा बल्कि अत्यधिक पतला होना भी खतरनाक साबित हो सकता है। अत्यधिक पतलेपन से भी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) कितना होना चाहिए, यह जानना आवश्यक है।

अत्यधिक मोटापे के साइड इफेक्ट या दुष्प्रभाव के बारे में तो हमने कई बार पढ़ा है। आईए जानते हैं अत्यधिक कम वजन होने के दुष्प्रभाव

अत्यधिक मोटापा सेहत के लिए एक गंभीर समस्या है, जो खराब खानपान और अनियमित जीवनशैली के कारण तेजी से बढ़ रही है। मोटापे की वजह से हृदय रोग, डायबिटीज, और फैटी लिवर जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को जीवनभर दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। हालांकि, यह धारणा भी गलत है कि पतला होना पूरी तरह से सुरक्षित है। मोटापे की तरह, अत्यधिक पतलापन भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और इससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

शरीर का कितना वजन होना चाहिए?

दरअसल, शरीर की लंबाई और वजन के अनुपात से बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की गणना की जाती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति का BMI 18.5 से 24.9 के बीच होना चाहिए। BMI 18.5 से कम होने पर व्यक्ति को अंडरवेट की श्रेणी में रखा जाता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

अत्यधिक पतलापन से जुड़ी 5 गंभीर समस्याएं

कुपोषण की समस्या : अत्यधिक पतलेपन की स्थिति में शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे व्यक्ति कुपोषण का शिकार हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, कमजोरी, थकान, बाल झड़ना, शुष्क त्वचा, और दांतों की समस्याएं हो सकती हैं।

कमजोर इम्युनिटी: विभिन्न शोधों में पाया गया है कि अंडरवेट होने से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे व्यक्ति जल्दी-जल्दी बीमार होने लगता है। कमजोर इम्यून सिस्टम कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।

हड्डियों का कमजोर होना : पोषण की कमी के कारण शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी हो सकती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या उत्पन्न होती है। इस स्थिति में हड्डियों की मोटाई कम होने लगती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है।

इनफर्टिलिटी की समस्या : अत्यधिक पतलापन शरीर में हार्मोन असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। यह समस्या प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है और इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

हाइट रुकना: बच्चों में पोषण की कमी और अंडरवेट होने की स्थिति में शारीरिक विकास रुक सकता है। उनकी हाइट का बढ़ना भी रुक जाता है। इस स्थिति से बचने के लिए आहार में फल, सब्जियां, दूध, और अंडे को शामिल करना चाहिए ताकि बच्चों का स्वस्थ विकास सुनिश्चित हो सके।

यह स्पष्ट है कि एक स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार ही शरीर के वजन को नियंत्रित रख सकते हैं, चाहे वह मोटापा हो या अत्यधिक पतलापन। दोनों ही स्थितियों में उचित ध्यान और देखभाल की आवश्यकता होती है।

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