जोड़ों की अकड़न जैसी पुरानी बीमारियों को ऐसे करें नियंत्रित, जानें
सर्दियों के मौसम में तापमान गिरने के साथ बुजुर्गों को न केवल सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि घुटने और जोड़ों के दर्द की शिकायत भी बढ़ जाती है। हालाँकि, यह समस्या केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही। अब नौजवान और वयस्क भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। फिजिकल एक्टिविटी की कमी और असंतुलित खान-पान सर्दियों में ऑस्टियोआर्थराइटिस और जोड़ों की अकड़न जैसी पुरानी बीमारियों को बढ़ा सकते हैं।
सर्दियों में जोड़ों और घुटनों के दर्द के मुख्य कारण
- तापमान में गिरावट : कम तापमान के कारण जोड़ों के आसपास की मांसपेशियां और टेंडन सख्त हो जाते हैं, जिससे अकड़न और दर्द महसूस होता है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस: सर्दियों में इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के लक्षण बढ़ जाते हैं, क्योंकि ठंड के कारण जोड़ों के भीतर सिनोवियल द्रव का प्रवाह कम हो जाता है।
- शारीरिक निष्क्रियता :ठंड में घर के अंदर रहने से मांसपेशियों और जोड़ों में कमजोरी और दर्द की संभावना बढ़ जाती है।
- बैरोमेट्रिक प्रेशर में बदलाव : मौसम में अचानक हुए बदलाव से जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है, विशेषकर बुजुर्गों में।
बुजुर्गों और युवाओं के लिए जोड़ों के दर्द को नियंत्रित करने के उपाय
- नियमित व्यायाम :जोड़ों को लचीला और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए हल्की स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज करें। किसी फिटनेस विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही व्यायाम शुरू करें और ठंड में बाहर निकलने से बचें।
- सर्दी से बचाव: जोड़ों में ठंड से होने वाली अकड़न और दर्द को रोकने के लिए थर्मल वियर, घुटनों के गार्ड और गर्म कंबल का इस्तेमाल करें।
- संतुलित आहार : पत्तेदार सब्जियां, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे सूजन-रोधी खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जंक, तैलीय और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें। पर्याप्त पानी पीकर शरीर को हाइड्रेट रखें।
- हीट थेरेपी :जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए गर्म सेंक या हीटिंग पैड का उपयोग करें।
- चिकित्सकीय परामर्श: किसी भी नए उपचार या व्यायाम को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
सर्दियों के मौसम में जोड़ों और घुटनों के दर्द को रोकने और नियंत्रित करने के लिए सही देखभाल, व्यायाम और संतुलित आहार का पालन करना जरूरी है। इससे न केवल दर्द को कम किया जा सकता है, बल्कि इस मौसम का आनंद भी उठाया जा सकता है। ध्यान रखें, सतर्कता और समय पर उपचार से जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।