सर्व पितृ अमावस्या आज, इन वस्तुओं का कर लिया दान तो बढ़ेगा सौभाग्य
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ही सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। जब पूर्वज धरती लोक में आते हैं और सभी के दुखों को दूर करते हैं। इस दौरान तर्पण करने से उन्हें मोक्ष मिलता है। इस बार की अमावस्या विशेष भी है क्योंकि इस बार इस तिथि को सूर्यग्रहण भी लग रहा है।
कब सूर्यग्रहण की तिथि होगी आरंभ
भारत में ग्रहण अदृश्य होने के कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। क्योंकि सूर्यग्रहण की तिथि आरंभ 1 अक्टूबर को रात में 9 बजकर 40 मिनट पर शुरू हो गई है। वहीं सर्वपितृ अमावस्या तिथि का समापन 2 तारीख की मध्य रात्रि 2 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को है।सूर्य ग्रहण का आरंभ 1 अक्टूबर को रात में 9 बजकर 40 मिनट पर आरंभ हो गया है और रात में 2 अक्टूबर की मध्य रात्रि 3 बजकर 17 मिनट पर सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
पितृपक्ष का आज होगा समापन
सर्वपितृ अमावस्या के साथ ही पितृपक्ष का भी आज समापन हो जाएगा। इसी के साथ पितरों के नाम से श्राद्ध करने के बाद उन्हें विदा कर दिया जाता है। इस दिन उन सभी का भी श्राद्ध किया जाता है जिनका श्राद्ध करना हम भूल जाते हैं। माना जाता है कि सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों का पूजन किया जाए तो घर-परिवार को पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन स्नान और दान के साथ ही पितरों का तर्पण किया जाता है और पितरों का पूजन होता है।
इन वस्तुओं का करें दान
ऐसी मान्यता है कि इस दिन तर्पण के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा में बर्तन, ऋतु फल, कच्ची सब्जी, अनाज, मिष्ठान, धोती-कुरता, धन आदि का दान करना शुभ माना जाता है। वहीं, पुरोहित विवाहित हैं, तो उनकी पत्नी के लिए साड़ी, श्रृंगार की सामग्री और क्षमता हो तो कोई जेवर आदि का दान कर सकते हैं । इन सभी वस्तुओं का दान करने से पितृ पक्ष का विशेष आशीर्वाद मिलता है। और व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है।