एनआईओएस डीएलएड को शिक्षक भर्ती में मिलेगा बराबर मौका
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान-एनआईओएस के माध्यम से वर्ष 20017-19 के बीच डीएलएड करने वाले निजी स्कूलों के शिक्षकों को भी भविष्य में होने वाली बेसिक शिक्षक भर्ती में बाकी डीएलएड के समान बराबर का मौका मिलेगा। शिक्षा विभाग इसके लिए बेसिक शिक्षक सेवा नियमावली में बदलाव करने जा रहा है। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के अप्रशिक्षित शिक्षकों को बेसिक शिक्षक केलिए जरूरी पात्रता पूरी कराने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में एक विशेष अभियान चलाया था। इसके तहत देश भर में ऐसे करीब 14 लाख शिक्षकों को एनआईओएस के माध्यम से 18 महीने का डीएलएड करने का मौका मिला।
उत्तराखंड में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के 36 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने भी इस डीएलएड को किया। सूत्रों के अनुसार अपर निदेशक बेसिक पदमेंद्र
सकलानी को नियमावली संशोधन प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। सकलानी ने उसे तैयार कर शासन को सौंप दिया।

एनआईओएस डीएलएड ने अधिकतम आयु में छूट मांगी
उत्तराखंड एनआईओएस डीएलएड टीईटी शिक्षक संगठन के अध्यक्ष नंदन सिंह बोरा ने कहा कि एनआईओएस डीएलएड को अपना अधिकार हासिल करने के लिए कई वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी है। अब जाकर उन्हें मान्यता मिली है। ऐसे में कई लोगों की आयु राज्य में सरकारी नौकरियों में भर्ती की अधिकतम 42 साल की आयु से ज्यादा हो चुकी है। बोरा ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि ऐसे सभी शिक्षकों को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाए।
दस्तावेज छिपाने वाले प्रशिक्षितों पर कसने लगा शिकंजा
वर्ष 2017-19 के बीच एनआईओएस डीएलएड करने के आधार पर वर्तमान भर्ती में शामिल हुए अपात्र लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई। रुद्रप्रयाग में ऐसे सात शिक्षकों को चयन के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया है। दरअसल, कई स्थानों पर एनआईओएस डीएलएड ने शिक्षा विभाग में वर्ष 2017-19 से पहले के टीईटी के प्रमाणपत्र जमा कराए थे। उनका टीईटी वर्ष 2019 के बाद होना चाहिए था।