रिजर्व बैंक ने कहा कि उसकी प्रिटिंग प्रेस द्वारा छापे गए नोटों के कथित गायब होने के संबंध में मीडिया में आई खबरें गलत हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि प्रिंटिंग प्रेस से सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत एकत्र की गई सूचनाओं की गलत व्याख्या के आधार पर ये खबरें प्रकाशित की गई है।
आरबीआइ ने कहा कि यह रिपोर्ट सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्रिंटिंग प्रेस से जुटाई गई जानकारी की गलत व्याख्या पर आधारित हैं। आरबीआइ ने कहा कि प्रेसों में प्रकाशित और आरबीआइ को भेजे गए बैंक नोटों के मिलान के लिए मजबूत प्रणालियां मौजूद हैं। इनमें बैंक नोटों के उत्पादन, भंडारण और वितरण की निगरानी के लिए प्रोटोकॉल शामिल है।
गौरतलब हो कि कई मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह खबरी चल रही है कि नए डिजाइन वाले 500 रुपये के नोट गायब हैं। रिपोर्टस के मुताबिक, गायब नोटों की वैल्यू 88 हजार रुपये है।