विकास की राह देखता रानीखेत का मिनी कॉर्बेट, नौ सालों से नहीं उठाया गया कोई ठोस कदम 


विकास की राह देखता रानीखेत का मिनी कॉर्बेट, नौ सालों से नहीं उठाया गया कोई ठोस कदम 

एक समय पर्यटकों की पहली पसंद रहे रानीखेत में अब साल दर साल पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है।

इसका सबसे बड़ा कारण यहां पर्यटक स्थलों की कमी मानी जा रही है। खासतौर पर ऐतिहासिक गोल्फ मैदान से सटे करीब 1200 हेक्टेयर में फैले दलमोठी वन क्षेत्र (मिनी कॉर्बेट) का अब तक विकास न होना स्थानीय पर्यटन को बड़ा झटका दे रहा है।

आठ वर्षों में सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया

वर्ष 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय वन विभाग ने दलमोठी क्षेत्र को मिनी अभयारण्य के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। 2016 में यह योजना कैबिनेट से मंजूर भी हो गई। इसके तहत सफारी, बर्ड वाचिंग सेंटर, जैव विविधता संरक्षण समेत कई पर्यटक गतिविधियों को शुरू करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद यह महत्वाकांक्षी योजना ठंडे बस्ते में चली गई। 1200 हेक्टेयर में फैला, पर्यटन के लिए उपयुक्त

रानीखेत। दलमोठी वन रेंज अपने आप में जैव विविधता का खजाना है। यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों, वन्यजीव पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए अत्यंत आकर्षक स्थल बन सकता है। बावजूद इसके पिछले आठ वर्षों में सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

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