न्याय के लिए दर दर भटकता सन्यासी, सांसद अनिल बलूनी को सौंपा ज्ञापन


न्याय के लिए दर दर भटकता सन्यासी, सांसद अनिल बलूनी को सौंपा ज्ञापन




यति परमात्मानन्द गिरी महंत एवं अध्यक्ष गौशाल श्रीराम युवा वाहिनी शिष्य यति नरसिंहानन्द गिरी जी महाराज महामंडलेश्वर पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने अपनी हत्या के षड्यंत्र विषय में सांसद अनिल बलूनी को ज्ञापन सौंपा।

न्याय के लिए दर दर भटकता एक सन्यासी, दिया ज्ञापन

गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी को ज्ञापन दिया और कहा कि कोटद्वार स्थित सभी अवैध मस्जिदों को ध्वस्त किया जाए और थाना प्रभारी कोटद्वार ने जिहादिओं से मिलकर जो मेरी हत्या का षड़यंत्र किया है एस आई टी बनाकर उसकी जांच की जाये और थाना प्रभारी को गिरफ्तार करके मेरी हत्या का प्रयास करने के आरोप मे जेल भेजा जाये।

जानें पूरा मामला

कोटद्वार में अवैध मस्जिदों के ध्वस्तीकरण एवं पुलिस प्रशासन के कुछ व्यक्तियों के द्वारा विद्यर्मियों से मिलीभगत के चलते हत्या का षड्यंत्र करने के विषय में ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी निवेदन है कि मैं एक धर्मगुरू हूँ और पिछले 20 वर्षों से हिन्दू समाज के लिये निःस्वार्थ कार्य पूरे उत्तराखण्ड में कर रहा हूँ। मैं जून अखाड़े के महामंडलेश्वर यत्ति नरसिंहानन्द गिरी जी का शिष्य हूँ, जिनका गला काटने के लिये इस्लामिक आतंकवादियों ने कई सौ करोड़ का ईनाम रख हुआ है और मैं भी पूरी दुनिया के इस्लामिक आतंकवादियों के निशाने पर हूँ और देश-विदेशों से लगातार मुझे जान से मारने की एवं गला काटने की धमकियाँ मिलती रहती हैं। लेकिन में बिना किसी सुरक्षा के अपनी जान की परवाह न करते हुए हिन्दू समाज का कार्य करता रहता हूँ। महोदय, हमने सूचना के अधिकार के माध्यम से तहसील प्रशासन से सूचनायें प्राप्त की जिससे सिद्ध हुआ कि कोटद्वार में बहुत सारी अवैध रूप से मस्जिदें बना दी गई हैं। इसके बाद तहसील प्रशासन से तीन मस्जिदों की जाँच की और उनके अवैध होने की पुष्टि की। तदपुरान्त हमने पिछले एक वर्ष में दो बार कोटद्वार के उपजिलाधिकारी एवं नगर आयुक्त महोदय से ज्ञापन के माध्यम से माँग की, कि शहर में लगातर जिस प्रकार हिन्दू समाज का अतिक्रमण तोड़ा जा रहा है उसी प्रकार इन अवैध मस्जिदों को भी तोड़ा जाये, लेकिन नगर निराम और प्रशासन ने मुस्लिम समाज से मिली भगत के चलते या डर के कारण एक भी अवैध मस्जिद को नहीं तोड़ा और ये सिद्ध किया गया कि कोटद्वार में हिन्दू दोयम दर्जे का नागरिक है। इसलिये न्यायोचित कार्यवाही की मांग को लेकर हमने 27 नवम्बर 2024 को एक मस्जिद के सामने लोकतांत्रिक शान्ति पूर्वक धरना प्रदर्शन की घोषणा की।
महोदय, 26 नवम्बर 2024 को शाम के समय गलती से चाय बनाते समय मुझसे चाय में कोई जहरीला पदार्थ गिर गया और में उस चाय को भी पी गया। कुछ देर बाद स्वास्थ्य खराब होने पर में राजकीय संयुक्त चिकित्सालय कोटद्वार के आकस्मिक चिकित्सा विभाग में गया। जहाँ पर ड्यूटी में तैनात चिकित्सक ने मेरे पेट में जहरीला पदार्थ होने की पुष्टि की और मेरी चिकित्सा प्रारम्भ की (जिसकी पुष्टि चिकित्सालय से की जा सकती है)।

हत्या का षडयंत्र किया गया

महोदय, इसी दौरान कोटद्वार थाने से एक कॉस्टेबल का फोन आया और उसने कहा कि कोटद्वार थाने के प्रभारी को आपसे पांच मिनट के लिये एक आवश्यक वार्ता करनी है आप थाने आ जाइये । लेकिन चिकित्सक मुझे तुरन्त भर्ती करना चाहते थे लेकिन में अपने प्राणों को संकट में डालकर एक धर्म गुरू का दायित्व निभाने हेतु थाने में गया और चिकित्सक से मैंने अनुरोध किया कि आप मुझे भर्ती करने की तैयारी कीजिए में दस मिनट में अपना धर्म और समाज के प्रति कर्तव्य पूरा करके आता हूँ। इसके बाद में थाने चला गया बहीं जाते ही थाना प्रभारी द्वारा मुझे एक एकान्त स्थान पर बैठा दिया और कहा गया कि आपको अरेस्ट किया गया है, अब आप कहीं नहीं जा सकते, मैंने पूछा कि मुझे क्यों अरेस्ट किया है तो मुझे एक कागज दिखाया गया जिसके बारे में पूर्व में मुझे कोई भी सूचना न तो माननीय न्यायालय द्वारा और न ही पुलिस के द्वारा दी गई थी। मुझे कुछ भी ज्ञात नहीं था (इसकी जाँच होनी चाहिये) इसके बाद मैंने कहा कि में हॉस्पिटल में एडमिट होने जा रहा हूँ, मेरे पेट में जहर है और मेरी मृत्यु भी हो सकती है मुझे तुरन्त एडमिट होना है आप मुझे तुरन्त एडमिट करा दीजिये, तो थाना प्रभारी ने कहा कि अब तुम जियो या मरो यहाँ से कहीं नहीं जाने देंगे और इसके बाद पूरी रात में तड़पता रहा तथा जिन्दगी और मौत से लड़ता रहा। इसके बाद अगली सुबह बलपूर्वक मुझे बदबूदार हवालात में डाल दिया और बाने के प्रांगण में मुल्ला मौलवी थाने प्रभारी के साथ बैठकर मेरा उपहास कर रहे थे और सन्यासी अपना और भगवे का तथा सनातन धर्म का सरेआम अपमान विवशता पूर्वक देख रहा था। इसके बाद थाने में अपराधी लोगों के साथ मुझे खड़ा करके फोटो-विडियो बनाये गये और पुनः एक धर्मगुरू का अपमान किया गया और जानबूझकर मुझे कोर्ट में देरी से पेश किया गया ताकि मेरी जमानत न हो सके।

महोदय, इस पूरे प्रकरण से सिद्ध होता है कि विद्यर्मियों के इशारे पर इनके द्वारा मेरी हत्या का षड़यंत्र किया गया और भविष्य में ये लोग मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं, मेरी हत्या भी हो सकती है।

ऐसे पुलिस अधिकारी हिन्दू समाज के लिये घातक

अतः महोदय से निवेदन है कि, ऐसे पुलिस अधिकारी हिन्दू सामज के लिये घातक हैं। इसलिये इनको पुलिस की सेवा से तुरन्त बर्खास्त करके एक एस. आई. टी. बनाकर इनकी जाँच करायी जाये। इनके गोपनीय संबंधों की जाँच हो और एक धर्मगुरू का अपमान करने, सनातन का अपमान करने तथा मेरी हत्या का षड्यंत्र करने के लिये इनको गिरफ्तार किया जाये तथा कोटद्वार के थाना प्रभारी की सम्पत्ति की जाँच की जाये तथा इनके मुस्लिम संगठनों से क्या सम्बन्ध है, इसकी भी जाँच की जाये । माननीय मुख्यमंत्री महोदय मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप एक सन्यासी की पीड़ा समझेंगे और मेरी सुरक्षा इनसे करेंगे तथा भगवा सन्यासी और सनातन के अपमान का दण्ड इनको देंगे ।

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