भक्ति की कोई उम्र नहीं होती, श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस रहा विशेष आनंद का माहौल
श्री रामलीला समिति महानगर द्वारा श्री रामलीला मैदान सेक्टर सी, महानगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस का शुभारंभ समिति के अध्यक्ष ललित मोहन जोशी के द्वारा उपस्थित जनसमूह के स्वागत के साथ किया गया। कथा का प्रारंभ समिति के अध्यक्ष ललित मोहन जोशी उपाध्यक्ष श्री के.के. पांडे “कन्हैया” एवं रामलीला के सह- निर्देशक हरीश लोहुमी द्वारा सपत्नीक पूजन के साथ किया गया।
ईश्वर की भक्ति की कोई उम्र नहीं होती
पूजन के उपरांत पंडित अंकित शास्त्री महाराज ने चतुर्थ दिवस की कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि ईश्वर की भक्ति की कोई उम्र नहीं होती है। बालक ध्रुव और भक्त प्रहलाद इसके उदाहरण हैं। भक्त प्रहलाद में छोटी सी उम्र में ही भगवान नरसिंह को प्राप्त कर लिया प्रहलाद की भक्ति और श्रद्धा से भगवान विष्णु ने नरसिंह का रूप धारण कर खंभा फाड़कर प्रकट हुए और हिरण्यकश्यप का अंत कर दिया। जब भक्त प्रहलाद के पिता हिरणयकश्यप अपने पुत्र की ईश्वर भक्ति के कारण अपने पुत्र के शत्रु बन गए तो प्रहलाद का अंत करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए लेकिन भक्त प्रहलाद ने भक्ति का मार्ग नहीं छोड़ा और बार-बार ईश्वर अपनी भक्त की रक्षा के लिए आते रहे। आचार्य जी ने आगे बताया कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से ईश्वर की भक्ति करता है उसे कभी भी अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। भागवत कथा के दौरान आज धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया गया पंडाल को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया। उपस्थित लोगों में विशेष आनंद का माहौल था। आचार्य अंकित शास्त्री ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव का उल्लेख करते हुए कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अधर्म और अत्याचार बढ़ता है तब तब प्रभु स्वयं अवतार लेकर इस पृथ्वी पर प्रकट होते हैं।
श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा हिंदू धर्म की एक पावन एवं प्रेरणादायक कथा
श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा हिंदू धर्म की एक पावन एवं प्रेरणादायक कथा है यह कथा भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण के जन्म की है। मथुरा में कंस नामक एक अत्याचारी शासक का शासन था वह अपनी बहन देवकी से बहुत प्यार करता था। देवकी का विवाह वासुदेव से हुआ। विवाह के उपरान्त आकाशवाणी हुई कि हे कंस तू जिस बहन से इतना प्यार करता है इसका आठवां पुत्र तेरा काल बनेगा। यह आकाशवाणी सुनकर कंस ने देवकी और वासुदेव को काल कोठरी में डाल दिया। देवकी और वासुदेव की होने वाली 6 संतानों को कंस ने एक-एक करके मार डाला। लेकिन सातवीं संतान बलराम थे जिसे योगमाया ने रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया और आठवीं संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि में भयंकर बारिश के बीच हुआ और इस प्रकार अत्याचारी अहंकारी और अधर्मी कंस के अंत के लिए प्रभु ने अवतार लिया।
इस अवसर पर उपस्थित जन
इस अवसर पर रामलीला समिति की सभी पदाधिकारी विशेष रूप से महासचिव हेम पन्त, दीपक पांडे दीनू, गिरीश जोशी, पुष्कर पन्त( सांझा चूल्हा),संजय श्रीवास्तव, देवेंद्र मिश्रा,भुवन तिवारी, वी.के.जोशी,संजय पांडे, सर्वजीत सिंह बोरा, के.सी.उपाध्याय,नीरद लोहानी,कन्हैया पांडे,आनंद सिंह, नवीन पांडे, अनिल जोशी, बृजेश मेहता, हरीश लोहुमी,तारा जोशी, बी.पी.पांडें, मोनालश्री विक्रम बिष्ट,भारती पांडे, सुजाता शर्मा, भावना लोहुमी, अनुराधा भट्ट, पूनम बोरा,हेमा जोशी, रिचा जोशी,कुणाल पन्त, नवीन पांडे, विनोद पन्त बीनू, दीपेश पांडे, नीरज लोहानी आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित थे।
रामलीला समिति के मीडिया प्रभारी देवेंद्र मिश्रा ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा रामलीला मैदान महानगर में 3 जुलाई 2025 तक प्रतिदिन सांय 5:30 बजे से 8:00 बजे तक होगी ।