दो साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिला बजट, चंद दिनों तक कार्य चलने के बाद बंद पड़ा है कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल का कार्य

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दो साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिला बजट, चंद दिनों तक कार्य चलने के बाद बंद पड़ा है कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल का कार्य

अल्मोड़ा भैंसियाछाना विकास खंड के रीठागाड़ पट्टी के कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल भवन को दो साल बीत जाने के बाद भी बजट नहीं मिला। दो करोड़ सोलह लाख की धनराशि से ये अस्पताल भवन निर्माण कार्य सन् 2021मे चालू हुआ। चंद दिनों तक चला फिर से बंद पड़ा है। यह अस्पताल किराये  के  मकान में संचालित है। अस्पताल भवन न बनने से कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल के ऐलोपैथिक व आयुर्वेद चिकित्सक धौलछीना अस्पताल में अटैच हैं।

डोली के सहारे चल रही जिंदगी

रीठागाड़ क्षेत्र के लोगों को सड़क के अभाव के कारण जैसे तैसे अपनी गर्भवती महिलाओं को बुजुर्ग लोगों के उपचार के लिए डोली के सहारे कनारीछीना अस्पताल में लातें है तो यहां पर ना डॉक्टर ना कोई नर्स फिर क्षेत्रीय लोगों को या तो धौलाछीना अस्पताल ले जाना पड़ता यह सेराघाट अस्पताल जो रीठागाड़ क्षेत्र पंद्रह से बीस किलोमीटर है।

अभी तक बजट पारित नहीं हुआ

दो सालों से कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल भवन निर्माण कार्य बजट के लिए जिला अधिकारी के व मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से उत्तराखंड स्वास्थ्य निदेशक, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री तक अवगत कराया गया लेकिन अभी तक इस अस्पताल भवन के लिए बजट पारित नहीं हुआ।

उग्र आंदोलन की चेतावनी

प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया भवन न होने के कारण कारण कनारीछीना अस्पताल के ऐलोपैथिक चिकित्सक व आयुर्वेदिक चिकित्सक धौलछीना अस्पताल में अटैच है।
नेगी ने बताया जिला अधिकारी महोदय से कई बार जिला कार्य योजना के तहत इस अस्पताल भवन के लिए बजट के लिए कहा गया इधर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी महोदय को भी बताया गया लेकिन दो साल हो गए अभी तक इस अस्पताल भवन निर्माण कार्य की कारवाई ठंडे बस्ते पर ही पड़ी है। अब रीठागाड़ी दगड़ियों संघर्ष समिति ने मन बना लिया कि अगर जल्द से जल्द कनारीछीना प्राथमिक अस्पताल भवन निर्माण कार्य के लिए बजट पारित नहीं हुआ तो क्षेत्रीय जनता के साथ समिति के सदस्यों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दे डाली।

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